- आगरा में ट्रैफिक हेड कांस्टेबल ने तेज रफ्तार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के सामने कूदकर कथित रूप से आत्महत्या की
- उन्हें हाल ही में रकाबगंज पुलिस सर्कल के तहत बिजली घर इलाके में उन्हें ट्रैफिक मैनेजमेंट की ड्यूटी दी गई थी
- बिजली घर ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात उनके सहयोगी ने कहा कि छुट्टी से लौटने के बाद कुमार उदास दिखे
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में 48 वर्षीय ट्रैफिक हेड कांस्टेबल ने तेज रफ्तार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के सामने कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। कथित तौर पर हेड कांस्टेबल अशोक कुमार अवसाद में थे। वह 1997 में यातायात पुलिस में शामिल हुए थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। उनके दो बेटे भी उत्तर प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं।
कुमार इंटरसेप्टर की ड्यूटी के लिए तैनात थे। लेकिन हाल ही में रकाबगंज पुलिस सर्कल के तहत बिजली घर इलाके में उन्हें ट्रैफिक मैनेजमेंट की ड्यूटी दी गई थी। मंगलवार को वह दो दिन की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर आए थे, वहीं बुधवार को उनका शव आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूर पाया गया।
घटना के बाद आगरा के एसएसपी बबलू कुमार और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।रकाबगंज के एसएचओ विकास तोमर ने कहा, आत्महत्या के पीछे का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
कथित तौर पर हेड कांस्टेबल अशोक कुमार अवसाद में थे
बिजली घर ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात उनके सहयोगी ने कहा कि छुट्टी से लौटने के बाद कुमार उदास दिखे। उनका कहना था कि वह हमेशा मजाक के मूड में रहते थे।
रकाबगंज के एसएचओ ने कहा, आत्महत्या के पीछे की वजह की तलाशी जा रही है वहीं उनके सहयोगी ने कहा है कि छुट्टी से लौटने के बाद कुमार उदास दिखे। उनका कहना था कि वह हमेशा मजाक के मूड में रहते थे। चूंकि उनका परिवार अभी सदमे की स्थिति में है, लिहाजा हम उनसे बाद में बात करेंगे।