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Fake Voter ID:निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर बनाए सैकड़ों फर्जी वोटर आईडी 

Updated Aug 14, 2021 | 09:56 IST

Fake Voter ID News: निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक करने, फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप मध्य प्रदेश और यूपी के सहारनपुर में गिरफ्तारी हुई हैं।

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निर्वाचन आयोग
मुख्य बातें
  • कम्प्यूटर की दुकान में कथित तौर पर हजारों की संख्या में मतदाता पहचान पत्र बनाए
  • तीन माह में दस हजार से ज्यादा फर्जी मतदाता पहचान पत्र बना लिए थे
  • Election Commission ने कहा कि उसका डाटाबेस 'पूरी तरह सुरक्षित'

नई दिल्ली: भारत के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक (EC website Hack) करने और दस हजार से अधिक फर्जी मतदाता पहचान पत्र (Fake Voter ID) बनाने के आरोप में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने कहा कि उसका डाटाबेस 'पूरी तरह सुरक्षित' है। सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस. चेन्नपा ने बताया कि आरोपी विपुल सैनी ने यहां के नकुड़ इलाके में अपनी कम्प्यूटर की दुकान में कथित तौर पर हजारों की संख्या में मतदाता पहचान पत्र बनाए थे।मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) ने इस मामले में मुरैना से चार किशोरों को हिरासत में लिया है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैनी आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड के जरिए लॉगइन करता था, जिसका इस्तेमाल आयोग के अधिकारी करते थे। आयोग को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ और उसने जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी दी। एजेंसियों की जांच के दौरान सैनी शक के दायरे में आया और उन्होंने सहारनपुर पुलिस को सैनी के बारे में जानकारी दी।

10,000 से ज्यादा फर्जी मतदाता पहचान पत्र बना लिए

उन्होंने कहा कि पूछताछ में सैनी ने बताया कि वह मध्य प्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा था और उसने तीन माह में दस हजार से ज्यादा फर्जी मतदाता पहचान पत्र बना लिए थे। साइबर सेल और सहारनपुर अपराध शाखा के संयुक्त दल ने बृहस्पतिवार को सैनी को गिरफ्तार कर लिया।

सैनी के बैंक खाते में 60 लाख रुपये पाए गए

पुलिस अधीक्षक चेन्नपा ने बताया कि जांच में सैनी के बैंक खाते में 60 लाख रुपये पाए गए, जिसके बाद खाते से लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि सैनी के खाते में इतनी रकम कहां से आई इसकी जांच की जाएगी।निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि सहायक मतदाता सूची अधिकारी नागरिकों को सेवा प्रदान करते हैं और मतदाता पहचान पत्र की प्रिंटिंग और समय पर वितरण की जिम्मेदारी उनकी होती है।

निर्वाचन आयोग का डाटाबेस 'पूरी तरह सुरक्षित'

प्रवक्ता ने कहा, 'एईआरओ कार्यालय के एक डाटा एंट्री ऑपरेटर ने अवैध रूप से अपना आईडी एवं पासवर्ड सहारनपुर के नकुड़ में एक निजी अनधिकृत सेवा प्रदाता को दी, ताकि वह कुछ वोटर कार्ड छाप सके।'प्रवक्ता ने कहा, 'दोनों व्यक्ति गिरफ्तार हो चुके हैं।' उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का डाटाबेस 'पूरी तरह सुरक्षित' है।पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पूछताछ में सैनी ने बताया कि एक पहचान पत्र के एवज में उसे 100 से 200 रूपये मिलते थे।

उसके घर से पुलिस ने दो कम्प्यूटर भी जब्त किए हैं। जांच एजेन्सी उसे अदालत में पेश करके उसकी न्यायिक हिरासत का अनुरोध करेगी। उन्होंने बताया कि सैनी के पिता किसान हैं। सैनी ने सहारनपुर जिले के एक कॉलेज से बीसीए किया है। उन्होंने बताया कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या उसके संबंध राष्ट्र विरोधी या आतंकवादी ताकतों से भी हैं।