लाइव टीवी

Bengaluru: पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 6 लोगों को किया गिरफ्तार, दो करोड़ रुपए का सामान जब्त

Updated Jul 08, 2022 | 20:39 IST

Bengaluru: पुलिस ने बेंगलुरु स्थित फर्म का भंडाफोड़ करने के लिए व्हाइटफील्ड में गायत्री टेक पार्क की पहली मंजिल पर एथिकल इंफो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस पर छापा मारा।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 6 लोगों को किया गिरफ्तार।
मुख्य बातें
  • व्हाइटफील्ड पुलिस ने किया फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ 
  • पुलिस ने 6 लोगों को किया गिरफ्तार
  • पुलिस ने दो करोड़ रुपए का सामान किया जब्त

Bengaluru: बेंगलुरु की व्हाइटफील्ड पुलिस ने शुक्रवार को एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 2 करोड़ रुपए का सामान जब्त किया है, जिसमें तीन लग्जरी वाहन, दो स्कूल बस, छह आईफोन, 127 डेस्कटॉप कंप्यूटर, चार लैपटॉप, 150 हेडफोन, दस इंटरनल हार्ड ड्राइव और 18 लाख रुपए नकद शामिल है।

व्हाइटफील्ड पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़ 

Gurugram News: अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़, फेडरल एजेंसी के नाम पर ठगी, 9 दबोचे

पुलिस ने बेंगलुरु स्थित फर्म का भंडाफोड़ करने के लिए व्हाइटफील्ड में गायत्री टेक पार्क की पहली मंजिल पर एथिकल इंफो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस पर छापा मारा। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक व्हाइटफील्ड पुलिस के बयान के अनुसार संगठन एक सुव्यवस्थित नकली साइबर कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था, जो मुख्य रूप से विदेशों से लोगों को ठगने के लिए इंटरनेट और फोन कॉल का इस्तेमाल करता था।

पुलिस ने 6 को किया अरेस्ट

कंपनी के कर्मचारियों ने ठगी के शिकार हुए निर्दोष पीड़ितों को बुलाया, उनका विश्वास हासिल किया और फिर उनके अकाउंट को हैक करने और उनके पैसे चुराने के लिए बैंक अकाउंट नंबर जैसी जानकारी का उपयोग किया। पुलिस ने एक टिप के आधार पर जज से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद ऑफिस में छापेमारी कर गुजरात से बाहर के छह लोगों को हिरासत में लिया।

Delhi Crime: नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 250 युवाओं से ठगे 23 लाख रुपये

व्यक्तियों को बरगलाने के लिए कॉल करने वालों ने बैंक कर्मचारी और अमेजन कर्मचारी होने का नाटक किया। साथ ही उन्हें बताया कि उनके अकाउंट में संदिग्ध गतिविधि या खरीदारी देखी गई थी और वे इसका ध्यान रखेंगे। इसके बाद जालसाजों ने मनी ट्रांसफर एप्लिकेशन के जरिए उनके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर दिए। आरोपी स्कूल के वाहनों का इस्तेमाल कर अपने कर्मचारियों का गुपचुप तरीके से ट्रांसफर करता था।