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बुलंदशहर: 15 सालों से 2 परिवारों के बीच चल रहा है खूनी खेल, अब तक 7 की जा चुकी है जान

Updated Mar 22, 2021 | 20:31 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Bulandshahar: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के धनौरा गांव के 2 परिवारों के बीच 2005 से आपसी रंजिश जारी है। इस खूनी जंग में अभी तक 7 लोगों की जान जा चुकी है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले साल एक शख्स की हत्या की गई, जिसक बाद उसके 55 साल के व्यक्ति को पुलिस सुरक्षा दी गई। अब रविवार को उसे भी गोली मारकर घायल कर दिया गया। वह अस्पताल में अपने जीवन के लिए लड़ रहा है, लेकिन उसका 32 वर्षीय बेटा, जो उसके साथ था वह मारा गया। बताया जा रहा है कि ये हत्या दो परिवारों के बीच पिछले 15 सालों से चल रहे खूनी झगड़े का हिस्सा हो सकती है। 

ये झगड़ा 15 साल पहले दो हत्याओं के साथ शुरू हुआ था। रविवार की हत्या से पहले दोनों पक्षों के छह लोग मारे गए हैं। यानी अभी तक इस खूनी जंग में 7 लोगों की जान जा चुकी है। 

2020 में भी हुई एक हत्या

पुलिस ने बताया कि बुलंदशहर के धनौरा गांव में धर्मपाल पर उस हमला किया गया, जब वह अपनी पत्नी, दो बेटों और एक पुलिस अंगरक्षक के साथ टोयोटा इनोवा में यात्रा कर रहा था। उनके एक बेटे संदीप ने दम तोड़ दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा, 'हमें जानकारी मिली कि धनौरा गांव में गोलीबारी की घटना हुई जिसमें चार लोग घायल हुए, जिनमें से एक धर्मपाल थे। इनके पिता की मई 2020 में बुलंदशहर में हत्या कर दी गई थी। उस मामले के चार आरोपी (धर्मपाल के पिता की हत्या), जिनमें मुख्य आरोपी अमित शामिल हैं, फिलहाल जेल में हैं। रविवार को दो लोगों ने धर्मपाल और उनके बेटे संदीप पर गोलियां चलाईं, जो सशस्त्र अंगरक्षक के साथ यात्रा कर रहे थे। हम जांच कर रहे हैं।' 

पुलिस ने कहा कि धर्मपाल और उनका परिवार रविवार को अपने खेतों में काम करने के बाद गांव में घर लौट रहे थे। मोटरसाइकिल वाले हमलावरों ने उनके वाहन को रोका, जो खाई में गिर गया। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई। पुलिस बॉडीगार्ड ने बताया, 'उन्होंने (हमलावरों ने) कई राउंड फायर किए। मैं वाहन से बाहर लुढ़का और फायर शुरू की, जिससे वे भागने पर मजबूर हो गए। मैं कार को खाई से निकालकर उन्हें (धर्मपाल और उनके परिवार) अस्पताल ले गया।'

2005 से शुरू हुआ झगड़ा

पुलिस के अनुसार, धर्मपाल को राइफल और रिवॉल्वर के लिए लाइसेंस दिए गए थे, और उनके पिता कालीचरण की हत्या के बाद एक सशस्त्र अंगरक्षक सौंपा गया था। पुलिस ने कहा कि धर्मपाल और अमित के परिवारों के बीच 2005 से झगड़ा है, जब धर्मपाल की मां और एक नौकर को मार दिया गया था, और अमित के पिता, एक चाचा और उनके दो सहयोगियों को हत्याओं के लिए जेल भेज दिया गया था। सभी आरोपी वर्तमान में आगरा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। धर्मपाल की मां और उनके नौकर की हत्या के दो साल बाद 2007 में अमित की मां और चाचा की हत्या कर दी गई थी। बताया जाता है कि ये धर्मपाल के पक्ष के लोगों ने कीं।

बदला लेना चाहता था अमित

एसएसपी ने कहा, 'पिता को जेल में डाल देने के बाद और मां की हत्या कर देने के बाद अमित के दिमाग में केवल बदला लेने की बात चल रही थी। उसका नाम अलीगढ़ में 2019 में धर्मपाल के भाई की हत्या में भी सामने आया था। आरोपी अमित का अब कोई परिचित रिश्तेदार या परिवार नहीं है। उसका घर खाली पड़ा रहता है। हम जांच कर रहे हैं कि जब वह जेल में था तब आरोपी इस अपराध में कैसे शामिल हो सकता था।'