- भारत में आजादी के बाद किसी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई है
- यूपी के अमरोहा की शबनम ने 2008 में प्रेमी संग मिल परिवार को काट डाला था
- उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल में महिलाओं को भी फांसी देने की व्यवस्था है
भारत की आजादी के बाद किसी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई, मगर अब ऐसा होने जा रहा है मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यूपी के अमरोहा में साल 2008 में अपने ही परिवार के 7 सदस्यों की बेहद क्रूरता के साथ हत्या करने वाली शबनम नाम की महिला को फांसी देने का रास्ता साफ हो गया है और उसे फांसी दिए जाने की तैयारियां की जा रही हैं।
यूपी के अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है, लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जेल में महिलाओं को भी फांसी देने की व्यवस्था है खबरें हैं कि यहां शबनम नाम की महिला अपराधी को फांसी की सजा दी जा सकती है वहीं जेल प्रशासन फांसी दिए जाने की जानकारी से इनकार कर रहा है।
कहा ये भी जा रहा है कि मेरठ के पवन जल्लाद इसे अंजाम देने वाले हैं शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी।
कौन है शबनम जिसने ले ली अपने ही परिवार के 7 लोगों की जान?
यूपी के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 15 अप्रैल 2008 को अपने सगे माता-पिता और 10 माह के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों का कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया था।
क्या थी इन 'खौफनाक हत्याओं' की वजह?
बताते हैं कि शबनम और गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम के बीच प्रेम संबंध था जो उसके पिता को पसंद नहीं था दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन सलीम पठान बिरादरी से था वहीं शबनम सैफी बिरादरी की दोनों के बीच खासा मतभेद माना जाता है वहीं सलीम कम पढ़ा लिखा युवक था वहीं और फिर दूसरी बिरादरी से होने की वजह से शबनम के परिवार वालों ने शादी से इंकार कर दिया था।
शबनम पूरे परिवार को 'नींद की गोलियां' खिलाने लगी
शबनम और सलीम इस इंकार के बाद भी नहीं माने और मिलने के बहाने ढूंढते रहे इसके लिए शबनम ने तरीका निकाला और सलीम से मिलकर पूरे परिवार को नींद की गोलियां खिलाने लगी और ये नशीली गोली खाने के बाद जब परिवार सो जाता तो घर की छत के रास्ते से रोज सलीम मिलने आता था और दोनों प्रेमालाप करते रहे।
गौरतलब है कि मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था,लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई है कहा जा रहा है कि कुछ ज्यादा फेरबदल नहीं हुआ तो तो शबनम पहली महिला होंगी जिसे आजादी के बाद फांसी की सजा होगी, इस खबर से शबनम के गांव वाले भी खुश हैं और कहा कि जैसा किया है ये उसी का फल है।