- 1 करोड़ की फिरौती की मांग करने वाले मांगने लगे 20 लाख रुपए
- गोरखपुर में 5वीं कक्षा के बलराम की किडनैपिंग और हत्या का है मामला
- किडनैपिंग और हत्या के मामले से एक बार हिल गया उत्तर प्रदेश
गोरखपुर : गोरखपुर में 5वीं कक्षा के छात्र बलराम गुप्ता की किडनैपिंग और फिर हत्या कर देने के मामले में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बलराम के अपहरण के बाद सोमवार को उसका शव बरामद किया गया। इसी तरह की एक घटना में कानपुर में कुछ दिनों पहले एक युवक की किडनैपिंग कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
पिपराइच एरिया के रहने वाले बलराम की किडनैपिंग कर उसके परिजनों से 1 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। जब पुलिस को सूचना दी गई तो स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच के लिए इस मामले को अपने हाथ में ले लिया। इनके साथ पिपराइच पुलिस और क्राइम ब्रांच भी थी। इस घटना के मद्देनजर गांव के कई जगहों पर पुलिस की तैनाती कर दी गई थी।
शव बरामद
इस बीच सोमवार को पुलिस ने गांव के निकट एक नहर के पास बलराम का शव बरामद किया। अपहरणकर्ताओं ने ही उन्हें इस जगह का क्लू दिया था। पुलिस के मुताबिक शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
हत्या के बाद उसी गांव के लोगों ने बलराम के परिजनों से फिरौती की मांग की थी। पुलिस ने 5 इस संबंध में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से 3 किडनैपर्स हैं बाकी के तीन ने उन्हें फिरौती के लिए सिम कार्ड खरीदकर दिलाने में मदद की थी।
1 करोड़ से 20 लाख फिरौती
गोरखपुर एसएसपी सुनिली कुमार गुप्ता ने किडनैपिंग के बाद फिरौती का मामला सुनकर तुरंत इस पर एफआईआर दर्ज कर लिया था। उन्होंने बताया कि जांच पर पता चला कि बलराम की हत्या कर दी गई है।
पुलिस ने बताया कि पहले अपहरणकर्ताओं ने 1 करोड़ के फिरौती की मांग की थी लेकिन बाद में वे कहने लगे कि उन्हें 20 लाख पहुंचा दें। शुरुआती जांच के मुताबिक हत्या के पहले बलराम को नशीला पदार्थ खिलाया गया था हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का पुलिस को इंतजार है। बलराम के पिता ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
फोन कॉल से हुआ अंदेशा
अपहरणकर्ताओं ने फोन पर बलराम के पिता से फिरौती की मां घटा कर 20 लाख कर दी थी। पुलिस फोन कॉल सर्विलांस पर लेकर जांच कर रही थी। पुलिस को अपहरणकर्ताओं की बात से लगा कि वे अब चाह रहे हैं कि अब जो भी मिल जाएं वे वसूल लें। उनकी आवाज भी बेदम लग रही थी।
जमीन बेचने की थी जानकारी
पुलिस के मुताबिक गांव के ही अपहरणकर्ताओं को जानकारी थी कि बलराम के परिवार ने हाल ही जमीन बेची थी जिसके बाद उनके पास मोटी रकम आई है। इसलिए उन्होंने महाजन के इकलौते बेटे को टार्गेट किा।
पुलिस ने जब फोन नंबर से सिम कार्ड तक पहुंची जहां से उसे खरीदा गया था। सिम कार्ड बेचने वाले रिंकू ने पुलिस को बताया कि उसने दयानंद राजभर को सिम दिया है। इसके बाद पुलिस ने दयानंद को गिरफ्तार कर उससे कड़ाई से पूछताछ की जिसके बाद उसने सब कुछ उगल कर रख दिया।