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DGP ने महिला IPS ऑफिसर का कार में किया यौन उत्पीड़न! सरकार ने जांच के लिए गठित की कमेटी

Updated Feb 25, 2021 | 08:11 IST

तमिलनाडु के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) राजेश दास के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। दास पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।

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DGP ने महिला IPS को कार में बैठाकर किया यौन उत्पीड़न!
मुख्य बातें
  • तमिलनाडु में विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पर लगे यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप
  • महिला आईपीएस अधिकारी ने दर्ज कराई डीजीपी के खिलाफ शिकायत
  • राज्य सरकार ने आरोपों की जांच के लिए गठित की 6 सदस्यों की कमेटी

चेन्नई: तमिलनाडु के गृह विभाग ने बुधवार को विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) राजेश दास पर लगे कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक छह सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। डीजीपी दास पर एक महिला आईपीएस अधिकारी ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्य के गृह सचिव एस के प्रभाकर ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना और विकास) जयश्री रघुनंदन समिति की अध्यक्षता करेंगे। महिला आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि राजेश दास ने अपनी कार में उनके साथ अनुचित व्यवहार किया। 

कार में किया यौन उत्पीड़न
एक अन्य आईपीएस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर द न्यूज मिनट को बताया कि महिला को शिकायत दर्ज कराने से रोकने के लिए साथी अधिकारियों द्वारा प्रयास किए गए थे लेकिन वह रूकी नहीं और आगे जाकर गृह सचिव से इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। कई महिला अधिकारियों ने उस महिला आईपीएस अधिकारी को उसके साहस के लिए बधाई दी है। खबर के मुताबिक महिला आईपीएस अधिकारी सीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थी और उस समय जिले में आए विशेष डीजीपी ने शिष्टाचार के नाते कार में चढ़ने को कहा। इस दौरान राजेश दास ने कथित रूप से कार में महिला अफसर का यौन उत्पीड़न किया।

पहले भी आ चुका है इसी तरह का मामला

तमिलनाडु में किसी IPS अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का यह पहला आरोप नहीं है। अगस्त 2018 में, एक तमिलनाडु महिला पुलिस अधीक्षक ने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) में तत्कालीन संयुक्त निदेशक एस मुरुगन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद डीजीपी स्तर के अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद के नेतृत्व में एक आंतरिक समिति का गठन किया गया था। बाद में पीडिता ने मामले के लिए हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था।