- एक ऑनलाइन चैटिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा था नाबालिग लड़का
- इस प्लेटफॉर्म पर उसकी किसी अजनबी शख्स से करता था बात
- 12वीं के छात्र ने गत सोमवार को एक महिला पर चाकू से हमला किया
देहरादून : एक ऑनलाइन चैटिंग प्लेटफॉर्म के चक्कर में पड़कर 17 साल का एक नाबालिग लड़का मुसीबत में फंस गया है। 12वीं कक्षा के इस नाबालिग छात्र ने कथित रूप से एक महिला पर चाकू से हमला किया और फिर लापता हो गया। यह घटना उत्तराखंड के देहरादून की है। पुलिस का कहना है कि छात्र एक ऑनलाइन चैटिंग प्लेटफॉर्म पर बात करता था और वहीं से चैट पार्टनर ने उसे हमला करने के लिए टॉस्क दिया। पुलिस के मुताबिक महिला पर चाकू से हमला करने की घटना सोमवार शाम नेहरू कॉलोनी में हुई। इस घटना के बाद से लड़का लापता है।
मोबाइल फोन की जांच में हुआ खुलासा
पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़के का परिवार पटेल नगर इलाके में रहता है। छात्र के माता-पिता ने अपने लड़के लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। पुलिस ने बुधवार को लड़के के मोबाइल फोन की जांच की और इस जांच में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उसके जुड़े होनी की बात सामने आई। महिला पर हमला करने के बाद नाबालिग लड़का अपना मोबाइल फोन घर पर छोड़ दिया है।
अजनबी चैटर ने दिया हमले का टास्क
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'हमले की जांच करते समय नेहरू कॉलोनी पुलिस ने लड़के का मोबाइल फोन खंगाला। इस जांच में पता चला कि लड़का एक ऑनलाइन चैटिंग प्लेटफॉर्म पर किसी अजनबी से बात करता था। इस प्लेटफॉर्म पर उसे किसी व्यक्ति पर हमला करने का टास्क दिया गया।' रावत ने बताया कि अजनबी ने लिखा है, 'टास्क-किसी की हत्या करो, आत्महत्या करो अथवा लापता हो जाओ।'
महिला गंभीर रूप से घायल
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'लड़के इस तरह के ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के झांसे में आ रहे हैं जो कि चिंता की बात है। कई बार वे बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं।' रावत का कहना है कि पुलिस लापता लड़के का पता लगाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'जिस महिला पर हमला हुआ उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। महिला को उसकी गर्दन और शरीर के ऊपरी हिस्से पर गंभीर चोटें आई हैं।'
हिमाचल में देखा गया लड़का
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि लड़के को हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में देखे जाने की बात सामने आई है। लड़का अभी भी यहां हो सकता है। पुलिस उसे जल्द ढूंढने की कोशिश कर रही है। लोगों का मानना है कि अभिभावकों की बच्चों के साथ संवाद में कमी इस तरह की घटनाओं को बढ़ा रही है।