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अब विकास दुबे के मददगारों पर शिकंजा, यूपी पुलिस ने ग्वालियर से की दो गिरफ्तारी

Updated Jul 11, 2020 | 07:45 IST

Two people arrested in Gwalior for sheltering Vikas Dubey: उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को छिपाने एवं उसकी मदद करने के आरोप में ग्वालियर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
विकास दुबे को छिपाने के आरोप में ग्वालियर से दो लोग गिरफ्तार।
मुख्य बातें
  • शुक्रवार सुबह कानपुर मुठभेड़ में मारा गया हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
  • दो जुलाई की रात बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी
  • गुरुवार को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ विकास

लखनऊ : हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का अंत हो जाने के बाद यूपी पुलिस कानपुर मुठभेड़ के बाद उसे शरण देने एवं उसकी मदद करने वालों पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। गैंगस्टर को छिपाने के आरोप में कानपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि विकास गत गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ। तीन जुलाई को अपने गांव बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास फरार हो गया था। उज्जैन में उसकी गिरफ्तारी पर सवाल उठने लगे थे कि यूपी पुलिस की इतनी मुस्तैदी के बावजूद वह राज्य की सीमा लांघकर मध्य प्रदेश कैसे पहुंच गया। ग्वालियर से इस गिरफ्तारी के बाद समझा जाता है कि यूपी पुलिस उन लोगों पर अपना शिकंजा कसेगी जिन्होंने विकास के पकड़े जाने तक उसे किसी न किसी रूप में मदद पहुंचाई। 

कानपुर के पास पुलिस एनकाउंटर में मारा गया विकास 
यूपी पुलिस का दावा है कि जब वह विकास को उज्जैन से लेकर आ रही थी तो काफिले में शामिल एक वाहन सड़क पर पलट गया। इस गाड़ी में अन्य पुलिसकर्मियों के साथ विकास भी मौजूद था। पुलिस का कहना है कि इस हादसे में पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि विकास मौके का फायदा उठाकर एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर वहां से फरार होने की कोशिश करने लगा। पुलिस ने जब उसे रोकना चाहा तो उसने फायरिंग कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की जिसमें वह जख्मी हो गया। पुलिस का दावा है कि विकास को जख्मी हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, डॉक्टरों का दावा है कि उसे मृत हालत में अस्पताल लाया गया।

एनकाउंटर पर उठे सवाल
विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस की थ्योरी पर कई लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। कई लोगों का आरोप है कि यूपी पुलिस ने विकास के एनकाउंटर की स्क्रिप्ट पहले से तैयार कर ली थी। विपक्ष भी इस एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस पर हमलावर है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास के फोन की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि उसके मददगारों के बारे में पता चल सके। वहीं, बसपा सुप्रीम मायावती ने कानपुर एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एनकाउंटर पर पूछा कि 'अपराधी तो मारा गया, मददगारों का क्या?'

विकास की सरगर्मी से थी तलाश
बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के बाद यूपी पुलिस सरगर्मी के साथ विकास की तलाश कर रही थी। उसे दबोचने के लिए करीब 60 टीमें बनाई गई थीं। उसे पकड़ने के लिए ये टीमें लगातार दबिश दे रही थीं लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। हिस्ट्रीशीटर के बारे में सुराग देने के लिए पुलिस ने उसके सिर पर इनाम की राशि बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दी थी। इस दौरान पुलिस गैंगस्टर के सहयोगियों पर अपना शिकंजा कसती रही। पुलिस मुठभेड़ में विकास के छह सहयोगी मारे गए।