- आश्रम के मालित स्वामी भक्ति भूषण गोविंद महाराज को गिरफ्तार किया गया
- आश्रम से 10 बच्चों को बचाया गया है, सभी त्रिपुरा, मिजोरम और असम के हैं
- सभी बच्चे सात से दस साल के हैं और सभी त्रिपुरा, मिजोरम और असम के हैं।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक आश्रम में किशोर लड़कों को कथित तौर पर काम पर लगाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। आरोपों के सामने आने के बाद आश्रम से 10 लड़कों को बचाया गया। बच्चे गोड़िया मठ आश्रम में ठहरे हुए थे। जानकारी मिलने के बाद चाइल्डलाइन हेल्पलाइन के अधिकारियों ने बच्चों को बचाया। जानकारी के अनुसार, बच्चों को त्रिपुरा, मिजोरम और असम से आश्रम लाया गया था।
सभी बच्चों की उम्र 7 से 10 वर्ष के बीच हैं। उन्हें कथित तौर पर शिक्षा देने के बहाने गोड़िया मठ आश्रम में लाया गया था। हालांकि, यहां बच्चों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया, उन्हें पीटा गया और जानवरों की देखभाल करने के लिए मजबूर किया गया।
बच्चों की दुर्दशा से अवगत होने के बाद चाइल्डलाइन के सदस्यों ने उन्हें बचाया। आश्रम के मालिक की पहचान स्वामी भक्ति भूषण महाराज के रूप में गई। अधिकारियों ने आश्रम के मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आश्रम में बच्चों के साथ बुरा बर्ताव
बच्चों की मेडिकल जांच की गई, जिसके बाद उनके साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई। जिस क्षेत्र में आश्रम है, उस क्षेत्र के लिए सर्कल अधिकारी ने बताया, 'चाइल्डलाइन नंबर 1098 पर एक कॉल किया गया था जिसमें कहा गया था कि आश्रम में नाबालिगों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। चाइल्डलाइन के काउंसलरों ने आश्रम का दौरा किया और परामर्श सत्र आयोजित किया और उन्हें कुछ चीजें संदिग्ध लगीं। उन्होंने पुलिस से मदद मांगी और हमने आश्रम पर छापा मारा और बच्चों को बचाया। मेडिकल जांच कराने के बाद यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई और शुक्रवार को उनके बयान दर्ज किए गए। स्वामी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
बच्चों का हुआ कोरोना टेस्ट
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, नाबालिग बेहद गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उन्हें शिक्षित होने की उम्मीद के साथ भेजा गया था। पुलिस ने कहा कि कुछ नाबालिग पिछले तीन सालों से आश्रम में रह रहे हैं। नाबालिगों को अब क्वारंटीन में रखा गया है और शनिवार को उनका कोरोना वायरस परीक्षण किया जाएगा। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत चार नाबालिगों के बयान दर्ज किए गए हैं, जबकि छह अन्य के बयान सोमवार को मजिस्ट्रेट के सामने होंगे।