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- जहरीली रोटियों के जरिए पूरे परिवार को खत्म करना चाहती थी महिला मित्र
- एडीजे की महिला मित्र और वारदात में मददगार बने पांच लोग अरेस्ट
- एडीजे महेन्द्र कुमार त्रिपाठी और उनके पुत्र अभिनयराज की हाल ही में हुई थी संदिग्ध मौत
बैतूल (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के बैतूल में पदस्थ रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) महेन्द्र कुमार त्रिपाठी और उनके पुत्र अभिनयराज की मौत के मामले में अब पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया है। इस मामले में एक महिला की एंट्री हुई है जो जज के पूरे परिवार को खत्म करना चाहती थी लेकिन किस्मत से छोटा बेटा आशीषराज त्रिपाठी और जज की पत्नी बच गए। पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए दिवंगत एडीजे की महिला मित्र और वारदात में मददगार बने उसके पांच साथियों को अरेस्ट कर पूरी साजिश को बेनकाब किया है।
यूं रची साजिश
पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि एडीजे को उनकी महिला मित्र संध्या सिंह ने आटे में जहर मिलाकर मारने की साजिश रची थी। पुलिस पूछताछ के दौरान संध्या सिंह ने इस बात को कबूल किया कि उसने पूरे परिवार को खत्म करने के लिए आटे में जहर मिला दिया था। संध्या पिछले 10 साल से जज के संपर्क में थी। सिमाला प्रसाद ने बताया, 'एडीजे ने अपराधियों को पिछले 10 सालों में कई बार मदद के लिए पैसे दिए थे। प्रथम दृष्टता के अनुसार एडीजे पैसे वापिस देने का दवाब डाल रहे थे। 6 लोगों के खिलाफ धारा 302, 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।'
तंत्र मंत्र का लाभ
पुलिस के मुताबिक संध्या सिंह एडीजे से उस समय नाराज रहने लगी जब उनकी पत्नी उनके साथ रहने लगी। पुलिस जांच से पता चला कि एडीजे को छिंदवाड़ा से संध्या (अपराधी) ने पारिवारिक कलह दूर करने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लेने की सलाह दी थी। जिसके चलते दोनों के बीच आटे का अदान-प्रदान हुआ था। 26 जुलाई को उसी आटे की रोटियां खाने के बाद एडीजे और उनके बेटे की तबियत बिगड़ गई थी और बाद में उनकी मौत हो गई।
पैसे वापसी के लिए दवाब डाल रहे थे एडीजे
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जज महेंद्र त्रिपाठी ने संध्या सिंह को कई बार आर्थिक मदद भी की थी और अब वो पैसे वापस लेने के दवाब डाल रहे थे। इसी लेनदेन को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ गया था। इसके बाद संध्या ने जज और उनके पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची। जज के परिवार में समृद्धि लाने के लिए संध्या ने उन्हें प्रलोभन दिया और तांत्रिक पूजा करवाने को कहा जिसके लिए जज तैयार हो गए। अपनी इसी साजिश के तहत उसने जहर मिलाया हुआ आटा दे दिया जिसकी रोटियां खाने के बाद उनकी औऱ उनके बेटे की मौत हो गई। उनकी पत्नी की किस्मत अच्छी रही कि उस दिन उन्होंने चावल खाए थे।