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..तो क्या दिल्ली-मुंबई में तीसरी लहर का पीक 15 जनवरी के आसपास, IIT के प्रोफेसर का दावा, निपटने को कितनी तैयार है दिल्ली?

Updated Jan 11, 2022 | 09:22 IST

देश में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भारी संख्या में राज्यों से केस सामने आ रहे हैं, इस सबके बीच एक्सपर्ट का कहना है कि फरवरी की शुरुआत में तीसरी लहर का पीक आ सकता है। 

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दिल्ली में 1 लाख डेली केस सामने आने पर कोविड-19 के केवल पांच प्रतिशत मामलों में ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी

Delhi Mumbai corona third wave peak: महाराष्ट्र के मुंबई में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 13,648 नए मामले सामने आए और पांच लोगों की संक्रमण से मौत हो गयी नए मामले एक दिन पहले की तुलना में 30 प्रतिशत अथवा 5,826 कम हैं वहीं दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में भी इसकी रफ्तार बेलगाम सी होती नजर आ रही है।

इसको देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने सोमवार को कोविड-19 संक्रमण पर रोक लगाने के लिए बार बंद करने के साथ ही रेस्तरां में बैठकर भोजन करने पर भी रोक लगा दी हालांकि, डीडीएमए ने दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया है।

वहीं कोरोना मामलों पर कानपुर आईआईटी प्रो.मणींद्र अग्रवाल (Prof.Manindra Agarwal) ने स्टडी के आधार पर कुछ आंकलन सामने रखे हैं, उनके मुताबिक मुंबई में संक्रमण की चरम स्थिति होने पर रोजाना 30 से 60 हजार मामले सामने आ सकते हैं इस लिहाज से संक्रमण की चरम स्थिति होने पर अस्पतालों में 10 हजार बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी वहीं वो कहते हैं कि दिल्ली और मुंबई में जितनी तेजी से ग्राफ ऊपर उठा है, उतनी ही तेजी से इसके नीचे गिरने की उम्मीद है।

वहीं उनका कहना है कि मुंबई की ही तरह दिल्ली में भी 15 जनवरी के आसपास कोरोना की तीसरी लहर चरम पर होने की आशंका है। ऐसे में वहां रोजाना 35 से 70 हजार मामले सामने आ सकते हैं हालांकि उन्होंने कहा कि अभी पूरे भारत के लिए भविष्यवाणी करना मुश्किल है, क्योंकि देश भर का सटीक डाटा सामने नहीं आया है।

'दिल्ली में संक्रमण के एक लाख मामले सामने आने पर 18,000 आईसीयू बिस्तर की जरूरत' 

वहीं दिल्ली सरकार के अनुमान के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में अगर कोरोना वायरस संक्रमण के एक लाख दैनिक मामले सामने आते हैं तो कोविड मरीजों के लिए कम से कम 18 हजार आईसीयू बिस्तर और 28 हजार ऑक्सीजन बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी।एक लाख दैनिक मामले सामने आने पर कोविड-19 के केवल पांच प्रतिशत मामलों में ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी। अनुमान के अनुसार, चार हजार मरीजों को ऑक्सीजन बिस्तरों की जरूरत होगी तथा एक हजार मरीजों को आईसीयू बिस्तरों की आवश्यकता पड़ सकती है।

दिल्ली में कोविड की तीसरी लहर के लिए 50,000 ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बेड का लक्ष्य

दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए 50,000 ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बिस्तरों के साथ ही 12,059 आईसीयू बिस्तर स्थापित करने की योजना बनायी है।दिल्ली के अस्पतालों में वर्तमान में 16,180 ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बिस्तरों के अलावा 3,619 आईसीयू बिस्तर हैं।दिल्ली सरकार के बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने की योजना के मुताबिक, पहले चरण में ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 28,645, दूसरे चरण में 37,000 और तीसरे चरण में इसे बढ़ाकर 50,000 बिस्तर किया जाएगा।

'बुरे हालात में 28,000 ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बेड की आवश्यकता पड़ सकती है'

वहीं, पहले चरण में आईसीयू बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 8,041, दूसरे चरण में 10,594 और तीसरे चरण में 12,059 किए जाने का लक्ष्य है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में सोमवार को अधिकारियों ने कहा कि शहर में दैनिक मामलों की संख्या बढ़कर एक लाख तक पहुंचने के बुरे हालात में 28,000 ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बिस्तरों जबकि 18,000 आईसीयू बिस्तरों की आवश्यकता पड़ सकती है। साथ ही कहा कि 75,000 दैनिक मामलों की सूरत में 21,000 ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बिस्तरों जबकि 13,500 आईसीयू बिस्तरों की आवश्यकता पड़ सकती है।

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