- दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना की तीसरी लहर बताई जा रही है
- हर रोज नए आने वाले मामलों में बढ़ोतरी हो रही है
- वायु प्रदूषण बढ़ने से दिल्ली के लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर किस कदर बढ़ रहा है, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ दिनों से हर रोज आने वाले नए मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। अब 8593 नए मामले सामने आए हैं, जो कि एक दिन में सबसे ज्यादा है। इन 24 घंटों में 7264 कोरोना रोगी ठीक भी हुए हैं। दिल्ली में कुल मामले बढ़कर 4,59,975 हो गए हैं, जिसमें से 4,10,118 ठीक हो चुके हैं। दिल्ली में कोरोना से अब तक 7228 मौतें हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 85 मौतें इस वायरस की वजह से हुई हैं। दिल्ली में अभी 42,629 सक्रिय मामले हैं।
दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लोगों की आवाजाही और एक जगह एकत्र होने के नियमों में दी जा रही ढील को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से पूछा कि क्या इस भयानक स्थिति से निपटने के लिए उसके पास कोई रणनीति या नीति है। कोर्ट ने कहा कि गत दो सप्ताह में दिल्ली ने कोविड-19 मरीजों के मामले में महाराष्ट्र और केरल को पीछे छोड़ दिया है, ऐसे में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आप सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 4,016 हो गई है। नवीनतम सीरो सर्वेक्षण के मुताबिक प्रत्येक चार लोगों में से एक में कोविड-19 का संक्रमण पाया गया। सीरो सर्वेक्षण का संदर्भ देते हुए अदालत ने कहा, 'कोई भी घर बचा नहीं है।' अदालत ने पूछा कि दिल्ली सरकार ऐसी स्थिति में नियमों में ढील दे रही है जब अन्य राज्य पाबंदियों को दोबारा लागू कर रहे हैं।
प्रदूषण और कोरोना की दोहरी मार
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले करीब एक सप्ताह के दौरान वायु की गुणवत्ता में आई गिरावट और कोरोना वायरस के मामलों में तेजी श्वांस संबंधी परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिए दोहरी मार साबित हुई है क्योंकि उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं और उनमे से कई कोविड-19 से संक्रमित भी हो गए हैं। विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। कई डॉक्टरों एवं चिकित्सा विशेषज्ञों ने पहले चेताया था कि इस महामारी के दौर में बढ़ते वायु प्रदूषण से फेफड़े या सांस संबंधी परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिए स्थिति बदतर हो सकती है। परिस्थितियों को सांस संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे लोगों के लिए दोहरी मार करार देते हुए अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक सुरनजीत चटर्जी ने न्यूज एजेंसी भाषा से कहा, 'पिछले छह दिनों में वायु की गुणवत्ता बहुत ही खराब रहने के चलते हम श्वांस की समस्या वाले मामलों में वृद्धि देख रहे हैं। पिछले नवंबर की तुलना में स्थिति अधिक गंभीर हैं, पिछले नवंबर में भी प्रदूषण स्तर बहुत ऊंचा था। लेकिन यह अप्रत्याशित वायरस है ही कुछ ऐसा, कि वह अधिक जटिलताएं पैदा कर रहा है।'