- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक रोजगार पोर्टल लॉन्च किया
- पोर्टल का नाम ‘जॉब्स डॉट दिल्ली डॉट गव डॉट इन’ है
- रोजगार बाजार की तर्ज पर करेगा काम
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक रोजगार पोर्टल जारी किया और इसके साथ ही व्यापारियों, उद्योगपतियों और लोगों से दिल्ली की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की अपील की। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते हाल के दिनों में कई लोगों ने अपना रोजगार खो दिया और कारोबार पर भी इसका बुरा असर पड़ा। यह पोर्टल ‘जॉब्स डॉट दिल्ली डॉट गव डॉट इन’ नियोक्ताओं और रोजगार चाहने वाले दोनों के लिये एक ‘रोजगार बाजार’ की तरह काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ऐसे कई लोग हैं जिन्हें रोजगार की तलाश है, वहीं दूसरी तरफ कई व्यापारी, कारोबारी, पेशेवर, ठेकेदार हैं जिन्हें उनके काम के लिये सही व्यक्ति नहीं मिल पा रहा है। यह पोर्टल दोनों को एक मंच पर आमने सामने लाकर इस कमी को दूर करेगा।’केजरीवाल ने कहा कि एक विशेष आदेश जारी किया जा रहा है जिसमें रेहड़ी, ठेले वालों को काम शुरू करने की अनुमति दी जा रही है।उन्होंने कहा कि कई प्रवासी कामगार जो कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली छोड़कर चले गये थे अब वापस आने लगे हैं।
रोजगार पोर्टल की सेवायें निशुल्क होंगी
दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस रोजगार पोर्टल की सेवायें निशुल्क होंगी और किसी भी आवेदक को इसमें पंजीकरण के लिये कोई पैसा देने की जरूरत नहीं है।केजरीवाल ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की है कि दिल्ली कोरोना वायरस को ‘नियंत्रण’ में लाने में कामयाब रही है और उसे दूसरे राज्यों की तरह फिर से लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ी है।
दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में लगातार कमी आ रही है
उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब देश और दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में लगातार कमी आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोविड- 19 से ठीक होकर बाहर आने वाले लोगों का प्रतिशत 88 तक पहुंच गया है और परीक्षण के बाद कोरोना संक्रमित पाये जाने वाले लोगों का अनुपात भी जून के 35 से घटकर वर्तमान में पांच प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि जून के मुकाबले इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा भी कम हुआ है। इस समय राजधानी में कोविड- 19 के अस्पतालों में 2,850 मरीज ही भर्ती हैं जबकि 12,500 बिस्तर खाली हैं।