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Delhi : पटाखे न जलाने की केजरीवाल की अपील, दिवाली के दिन लोगों को दिया 'टास्क'

Updated Nov 05, 2020 | 12:38 IST

केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि राजधानी में वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उनकी सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। राजधानी में करोना के मामलों में तेजी के साथ वृद्धि हो रही है।

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'दिवाली पर इस बार पटाखे न जलाएं', अरविंद केजरीवाल की लोगों से अपील।
मुख्य बातें
  • सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस बार भी दिल्ली सरकार दिवाली मनाएगी
  • मुख्यमंत्री ने लोगों से पटाखे न जलाने और लक्ष्मीपूजन में हिस्सा लेने की अपील की
  • दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है, लोगों को होने लगी हैं सेहत से जुड़ी समस्याएं

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से इस बार दिवाली पर पटाखे न जलाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने पटाखा मुक्त दिवाली मनाने का आग्रह किया है। दिल्ली में वायु प्रदूषण 'खतरनाक' स्तर तक पहुंच गया है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि राजधानी की हवा और प्रदूषित हो। केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि राजधानी में वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उनकी सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं।    

मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस बार भी हम लोग पटाखे नहीं जलाएंगे। पटाखे यदि जलाएंगे तो हम अपने बच्चों का जीवन खतरे में डालेंगे। दिल्ली सरकार ने इस बार भी दिवाली मनाने की तैयारी की है। दिवाली के दिन 14 नवंबर को हम सभी दिल्ली के दो करोड़ लोग शाम सात बजाकर 39 मिनट पर लक्ष्मीपूजन करेंगे।'

दिवाली के लिए केजरीवाल सरकार ने की तैयारी
पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण पर केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली में पराली जलाने की जरूरत नहीं है। इसमें केमिकल डालकर खत्म किया जा सकता है। राज्यों को चाहिए कि दिल्ली सरकार अपने किसानों की मदद जिस तरह से कर रही है, वैसी ही मदद वे भी करें। दिल्ली का आसमान इस समय धुंध से भरा हुआ है, इससे कोरोना की स्थिति और खराब हो रही है। पिछली बार हम लोगों ने पटाखे न जलाने की सौंगध खाई थी और दिवाली हमने साथ मिलकर मनाई थी। हम लोगों ने कनॉट प्लेस पर लाइट शो रखा था।'

वायु प्रदूषकों का स्तर बढ़ा
पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। वायु में प्रदूषकों का स्तर बढ़ने से लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं। लोग गले में खराश और आंखों से पानी निकलने की शिकायत करने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा ना चलने, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थिति और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से बुधवार रात वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा। दिल्ली-एनसीआर में कई लोगों द्वारा करवाचौथ त्यौहार पर पटाखे फोड़े जाने को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

गुरुवार सुबह एक्यूआई 461 दर्ज
दिल्ली में सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 461 दर्ज किया गया। वहीं बुधवार सुबह 10 बजे यह 261 था। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

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