- दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं
- 3314 लोगों का घर पर कोविड 19 का इलाज चल रहा है
- केजरीवाल ने कहा- मृत्यु दर या गंभीर मामलों की संख्या तेजी से न बढ़े
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि लॉकडाउन में ढील के कारण दिल्ली में कोविड 19 के मामले बढ़ गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि तब तक चिंता की कोई बात नहीं है जब तक कि मृत्यु दर या गंभीर मामलों की संख्या तेजी से न बढ़े। अगर लोग वायरस के संपर्क में आते हैं और ठीक हो जाते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। जो केस हो रहे हैं वो इतने गंभीर केस न हो कि हमारे अस्पतालों का सिस्टम बैठ जाए अगर ऐसी स्थिति हो जाएगी तब चिंता का विषय होगा
केजरीवाल ने कहा, '17 तारीख को लॉकडाउन में काफी ढील दी गई थी आज एक हफ्ते बाद मैं ये कह सकता हूं कि स्थिति नियंत्रण में हैं और कोई घबराने वाली बात नहीं है,जब लॉकडाउन में ढील दी गई थी तब हमें ये उम्मीद थी केस में थोड़ी बढ़ोतरी होगी, थोड़ी बढ़तरी हुई है लेकिन चिंता की बात नहीं है।'
सरकार के पास 250 वेंटिलेटर
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी 13418 पॉजिटिव केस हैं। इनमें से 6540 ठीक हो गए और 6617 अभी बीमार हैं। यानी जितने ठीक हुए उतने ही बीमार हुए। कोरोना की वजह से 261 लोगों की मौत हुई है। 3829 बेड सरकारी सिस्टम में हैं उनमें से 3164 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध है। 3829 में 1478 बेड भरे हुए हैं। सरकार के पास 250 वेंटिलेटर हैं उनमें से 11 वेंटीलेटर इस्तेमाल हो रहे हैं।
दिल्ली सीएम ने कहा, 'ज्यादातर मामले हल्के लक्षण वाले हैं या लक्षणहीन वाले हैं। उनका घर पर इलाज किया जा रहा है। 3314 लोगों का घर पर कोविड 19 का इलाज चल रहा है। 2000 नए बेड आज से निजी अस्पतालों में उपलब्ध होंगे। प्राइवेट में 677 बेड हैं उनमें से 509 भर चुके हैं। दिल्ली के 117 प्राइवेट अस्पतालों में कल ऑर्डर जारी किया गया है कि उन्हें अपने 20% बेड कोरोना के इलाज के लिए रखने पड़ेगें।'
एक निजी अस्पताल को नोटिस जारी
केजरीवाल ने कहा कि हमने एक निजी अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है उसने कोविड 19 पॉजिटिव रोगी का इलाज करने से मना कर दिया। ऐसे मामले में अस्पताल का यह कर्तव्य है कि वह रोगी को एम्बुलेंस प्रदान करे और उन्हें कोविड अस्पताल ले जाया जाए। मरीज को सांस की तकलीफ हो रही थी, उसको कोरोना निकला, प्राइवेट हॉस्पिटल ने इलाज करने से मना कर दिया। हमनें हॉस्पिटल को शो-कॉज नोटिस जारी किया है कि आखिर उनका लाइसेंस रद्द क्यों न किया जाए?