- डीजी, ईडब्ल्यूएस और सीडब्ल्यूएसएन के छात्रों के लिए अच्छी खबर
- अब तीन किलोमीटर तक की दूरी पर शैक्षिक संस्थान चुन सकते हैं
- एक किलोमीटर की दूरी होने की वजह से स्कूलों में ज्यादातर सीटें भर जाती हैं
Delhi EWS Admission: दिल्ली के डीजी (वंचित समूह), ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) और सीडब्ल्यूएसएन (विशेष आवश्यकता वाले बच्चे) श्रेणी के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य के शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि निजी स्कूलों में प्रवेश स्तरीय क्लास में दाखिले के लिए इच्छुक डीजी, ईडब्ल्यूएस और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के छात्र-छात्राएं अब पहली वरीयता में अपने घर से तीन किलोमीटर तक की दूरी पर शैक्षिक संस्थान चुन सकते हैं।
अभी तक पहली वरीयता में छात्र-छात्राएं केवल एक किलोमीटर के दायरे में ही दाखिले के लिए स्कूल चुन सकते थे, लेकिन अब इसकी दूरी बढ़ाकर तीन किलोमीटर कर दी गई है। इस बात की जानकारी दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने दी है।
पहली वरीयता के संस्थान में दूरी एक किलोमीटर से बढ़ाकर तीन किलोमीटर
अधिकारियों ने बताया है कि, दिल्ली सरकार के नोटिस में आया है कि कंप्यूटरीकृत ड्रॉ में देखा गया है कि किसी निजी स्कूल के एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले आवेदक को दाखिला मिल जाता है, जिसके बाद स्कूलों में ज्यादातर सीटें भर जाती हैं। ऐसे में तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले छात्र-छात्राएं की संभावनाएं घट जाती हैं। इसको लेकर शिक्षा निदेशक हिमांशू गुप्ता ने कहा है कि, निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों में डीजी, ईडब्ल्यूएस और सीडब्ल्यूएसएन कोटे के तहत ज्यादा से ज्यादा इच्छुक अभिभावकों को अपने बच्चे के दाखिले के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षा निदेशालय ने पहली वरीयता के संस्थान में दूरी के मानदंड को एक किलोमीटर से बढ़ाकर तीन किलोमीटर कर दिया है।
छात्रों को एडमिशन न देने पर स्कूल पर होगी बड़ी कार्रवाई
वहीं बीते दिनों इस तरह की खबरें भी आई थीं कि राजधानी के कुछ निजी स्कूल अपने यहां डीजी, ईडब्ल्यूएस और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के छात्र-छात्राओं को दाखिला नहीं दे रहे हैं। इसके बाद दिल्ली विधानसभा की एससी/एसटी कल्याण समिति ने शिक्षा निदेशालय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का आग्रह किया था।