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क्या है दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना? इसलिए केंद्र सरकार ने लगा दी रोक

Updated Mar 21, 2021 | 15:50 IST

Doorstep Delivery of Ration: दिल्ली की केजरीवाल सरकार 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' लागू करने जा रही थी, जिस पर केंद्र ने रोक लगा दी। हालांकि बाद में दिल्ली सरकार बड़े बदलाव को तैयार हुई।

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अरविंद केजरीवाल
मुख्य बातें
  • राशन माफियाओं को दूर कर गरीब लोगों तक राशन पहुंचाना, मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर बहुत अहमियत रखता है: केजरीवाल
  • राशन माफिया इसे इतनी आसानी से लागू करने नहीं देगा। मैं काफी मशक्कत कर रहा हूं: दिल्ली सीएम

नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार से 'मुख्‍यमंत्री घर घर राशन योजना' शुरू करने जा रही थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 25 मार्च को सीमापुरी इलाके में 100 घरों तक राशन पहुंचाकर इस योजना की शुरुआत करने वाले थे। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी। केंद्र ने दिल्ली सरकार से योजना नहीं लागू करने को कहा क्योंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत सब्सिडी के आधार पर जारी खाद्यान्न का इसके लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।

दिल्ली सरकार को लिखे पत्र में केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने कहा कि एनएफएसए के तहत वितरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित सब्सिडी वाले खाद्यान्न को किसी राज्य की विशेष योजना या किसी दूसरे नाम या शीर्षक से कोई अन्य योजना को चलाने में उपयोग नहीं किया जा सकता है। हालांकि, अगर दिल्ली सरकार अपनी अलग योजना लाती है और उसमें एनएफएसए को नहीं मिलाया जाता है तो केंद्र को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। 

AAP ने गिनाईं कमियां

दिल्ली सरकार का कहना है कि 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' इसलिए लाई गई, जिससे गरीबों के घर पर ही राशन पैक करके पहुंचाया जा सके। आप का दावा है कि राशन व्यवस्था में काफी कमियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए डोरस्टेप डिलीवरी ऑफ राशन की शुरुआत की जा रही है। कमियां बताते हुए आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राशन वाले लोगों को राशन नहीं देते हैं। पूरा महीना दुकान नहीं खोलते हैं। हर किसी को राशन नहीं मिलता है। राशन में मिलावट होती है और पूरा दिन लाइन में लगना पड़ता है। 

उन्होंने कहा कि इससे गरीब आदमी को घर बैठे राशन मिलेगा। दलालों की दलाली मारी जाएगी। भ्रष्टाचार सिरे से खत्म हो जाएगा। जैसे स्वीगी, जोमैटो, अमेजन, बिग बास्केट घर बैठे खाना डिलीवर करते है, वैसे ही हम गरीबों को घर बैठे राशन देंगे। 

दिल्ली सरकार ने योजना का नाम हटाया

साल 2013 में संसद द्वारा पारित एनएफएसए के तहत केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से 81.35 करोड़ लोगों को 1 से 3 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर अनाज देने के लिए राज्यों को खाद्यान्न आवंटित करती है। इसी राशन को दिल्ली सरकार 'मुख्‍यमंत्री घर घर राशन योजना' के नाम से घर-घर पहुंचाना शुरू करना चाह रही है। केंद्र की आपत्ति के बाद केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि घर तक राशन पहुंचाने की योजना का कोई नाम नहीं होगा। केजरीवाल ने कहा, 'केंद्र की सभी शर्तें मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसमें किसी प्रकार की बाधा बर्दाश्त नहीं करेंगे। दिल्ली सरकार घर तक राशन पहुंचाने की योजना का कोई श्रेय नहीं लेगी।' 

'राशन माफिया बहुत शक्तिशाली'

मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन पहले दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाता था, अब लाभार्थियों के घर तक पहुंचाया जाएगा। केजरीवाल ने दावा किया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से माफिया को हटाकर गरीब लोगों को सीधे राशन वितरण सुनिश्चित करना उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम है। राशन माफिया बहुत शक्तिशाली हैं और मजबूत संबंध रखते हैं और वे कभी नहीं चाहेंगे कि यह योजना लागू हो।

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