- अमित कुमार निरंजन का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2021 में शामिल हुआ
- अमित को सीबीएसई और आईएससी बोर्ड में 17 साल का शिक्षण का अनुभव
- निरंजन ने 25,000 से अधिक छात्रों और 5,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अमित निरंजन का नाम वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल कर लिया गया है। इंडिया में स्टूडेंट्स के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को विश्व स्तर तक पहुंचाने और कई सारे सब्जेक्ट्स को स्मूथली स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए उन्हें यह सम्मान मिला है। 37 साल के अमित ने 6 अलग-अलग सब्जेक्ट्स में UGC-NET का एग्जाम भी क्वालिफाई किया है, इस उपलब्धि के लिए 2021 में उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया था।
अमित ने बताया कि कक्षा 10वीं में महज 59 परसेंट स्कोर करने के बाद उनके मन को गहरी चोट लगी। उन्हें लगा कि बेहतर प्लानिंग नहीं होने के कारण वह एग्जाम में अच्छा परफॉर्म नहीं कर सके, इसी फेज को टर्निंग पॉइंट मान कर उन्होंने स्ट्रैटजी पर काम करना शुरू किया और 12वीं बोर्ड में टॉप करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी के बाद उन्होंने एग्जाम स्ट्रैटजिस्ट बनने का फैसला कर इंडियन एजुकेशन सिस्टम में मौजूद लूप होल्स के सुधार के लिए काम करना शुरू कर दिया।
17 सालों से इंडियन एजुकेशन सिस्टम की बेहतरी के लिए काम कर रहे
अमित दुनियाभर की यूनिवर्सिटिज के स्टूडेंट्स को पढ़ाने और उनसे मिलने वाले एक्सपीरियंस से इंडिया में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। इंडिया के स्टूडेंट्स को विश्व स्तरीय नॉलेज प्रोवाइड करना, किसी भी लेवल के एग्जाम को क्लीयर करने के लिए सटिक स्ट्रैटजी बनाना, सब्जेक्ट सिलेक्शन और सब्जेक्ट की बेहतर स्टडी के नोट्स और प्लानिंग बनाना उनका मुख्य लक्ष्य और काम है। पिछले 17 सालों से वह इंडियन एजुकेशन सिस्टम की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। इंडियन एजुकेशन सिस्टम में एक्सीलेंट वर्क के लिए ही उनका नाम वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया। बता दें कि 6 सब्जेक्ट में UGC-NET का एग्जाम क्वालीफाई करने के लिए उनका नाम पहले से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल है।
8 सब्जेक्ट में मास्टर्स डिग्री हासिल करने के साथ ही उन्होंने 6 अलग-अलग सब्जेक्ट्स में यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) भी पास की है। 2010 में कॉमर्स, इसी साल इकोनॉमिक्स, 2012 में मैनेजमेंट, 2015 में एजुकेशन, 2019 में पॉलिटिकल साइंस के साथ 2020 में सोशियोलॉजी में नेट एग्जाम क्लीयर किया है। 2015 में IIT कानपुर से इकोनॉमिक्स में उन्होंने PhD कम्प्लीट की। वह इस वक्त शिक्षा की गुणवत्ता के विकास से संबंधित सब्जेक्ट में CSJMU कानपुर से PhD भी कर रहे हैं।
16 जुलाई 1984 को जन्मे अमित कुमार निरंजन कानपुर, उत्तर प्रदेश में रहते हैं। बोर्ड एग्जाम एक्सपर्ट व स्ट्रैटेजिस्ट होने के साथ ही स्कूल एग्जाम स्ट्रैटेजिस्ट भी हैं। CBSE के मुख्य परीक्षक होने के साथ ही वह बोर्ड एग्जाम स्टूडेंट्स के विकास के लिए एग्जाम पैटर्न और एजुकेशन मॉडल डेवलप करने में भी अहम योगदान दे रहे हैं। अमित का कहना है कि वह 'नेशनल पब्लिशिंग हाउस' के प्रकाशक होने के साथ ही एक लेखक और आंत्रप्रेन्योर भी हैं।
यहां जानें उनके बारे में जरूरी बातें
- 2021 में India Book of Records में नाम दर्ज हुआ
- 2022 में Worldwide Book Of Records में शामिल हुए
- इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने
- 6 सब्जेक्ट में UGC-NET का एग्जाम क्लीयर किया
- 8 सब्जेक्ट में मास्टर्स और एक PhD कम्प्लीट कर चुके हैं
- 25 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स और 5000 शिक्षकों को ट्रेनिंग दे चुके हैं
क्या है वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स?
दुनिया भर के देशों की पर्सनॅलिटिज को वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा किसी क्षेत्र में एक्सीलेंट वर्क के लिए सम्मानित किया जाता है। अब तक करीब 84 देशों की यूनिक और एक्सीलेंट पर्सनॅलिटीज को यह अवॉर्ड दिया जा चुका है। अमित को इंडियन एजुकेशन सिस्टम में कई सब्जेक्ट्स के बेहतर कॉर्डिनेशन और सुधार कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।
कानपुर के अमित कुमार ने 6 विषयों में क्वालीफाई किया NET, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज