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मध्यप्रदेश में कम होगा छात्रों के बस्ते का बोझ, 10वीं तक साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा वजन

Updated Sep 02, 2022 | 17:24 IST

MP Students Bag Burden Reduce: मध्यप्रदेश की सरकार की ओर से छात्रों के लिए राहत भरी खबर को साझा करते हुए स्कूल बैग की पॉलिसी को साझा किया गया है। अब स्कूल के बस्ते का वजन कम होने जा रहा है।

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मध्यप्रदेश में कम होगा बस्ते का बोझ
मुख्य बातें
  • मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी स्कूली बैग पॉलिसी 2020 की जारी।
  • कक्षा कक्ष में लगाना होगा बच्चों के बस्ते के वजन का चार्ट।
  • एक किलो 600 ग्राम से ढाई किलोग्राम तक होगा पांचवीं तक के बच्चों का बैग।

भोपाल: मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों के लिए यह राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने अपनी स्कूली बैग पॉलिसी-2020 जारी कर दी है। इसके मुताबिक दसवीं की कक्षा तक के बच्चों के बैग का भार साढ़े चार किलो से ज्यादा किसी भी कीमत पर नहीं होगा। राज्य सरकार की नई स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार, पांचवी तक के बच्चों के बस्ते का वजन एक किलो 600 ग्राम से ढाई किलोग्राम तक होगा।

बच्चों के बस्तों में राज्य सरकार और एनसीईआरटी की ओर से तय की गई किताबों को ही रखा जाएगा, वहीं दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को अब होमवर्क नहीं दिया जाएगा।

राज्य सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी में तय किया गया है कि कक्षा तीसरी से पांचवी तक सप्ताह में दो घंटे, छठी से आठवीं तक प्रतिदिन एक घंटे और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम दो घंटे का होमवर्क ही दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड और कक्षा कक्ष में बच्चों के बस्ते के वजन का चार्ट भी लगाना होगा।

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इसके अलावा बगैर पुस्तकों के बच्चों के लिए कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की कक्षाएं लगाना होंगी। इतना ही नहीं सप्ताह में एक दिन बच्चे बगैर बैग के स्कूल आएंगे।

राज्य सरकार ने स्कूल बैग पॉलिसी के जरिए जहां पहली से लेकर 10वीं तक के स्कूल बैग का वजन तय कर दिया गया है वहीं 11वीं और 12वीं के मामले में शाला प्रबंधन समितियां जरूरत के आधार पर बस्ते का वजन तय करेंगे। इस नई नीति के अनुसार सरकारी, गैर सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में बच्चों के बस्ते का वजन तय होगा।