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दिहाड़ी मजदूर का बेटा और सब्जी विक्रेता की बेटी अब बनेंगे डॉक्टर, उत्साह से भर देगी NEET में सफलता की ये कहानी

Updated Sep 11, 2022 | 23:24 IST

NEET Result 2022 Success Story: बेरहमपुर में CES9 आयुध डिपो के अंदर दिहाड़ी मजदूर के बेटे और एक अन्य सब्जी विक्रेता की बेटी ने नीट पास करके लाखों छात्रों को प्रेरित करने वाली मिसाल पेश की है। कठिन परिस्थितियों के बावजूद इन दोनों ने अपने लिए सफलता के दरवाजे खोले हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
NEET 2022 Success Story
मुख्य बातें
  • गंजम जिले के पोलासरा ब्लॉक निवासी शांतनु दलाई ने पास की नीट परीक्षा।
  • एग्जाम में सफलता पाकर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले पिता का नाम किया रोशन।
  • सब्जी विक्रेता की बेटी इशरिता पांडा ने 720 में से 622 अंक हासिल कर पाई सफलता।

Success Story of NEET 2022: बीते दिनों नीट एग्जाम का रिजल्ट घोषित हुआ है और ओडिशा में एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे और एक सब्जी विक्रेता की बेटी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पास की है। गंजम जिले के पोलासरा ब्लॉक के निवासी शांतनु दलाई ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) में अखिल भारतीय यानी ऑल इंडिया रैंक 19,678 हासिल की है। गजपति जिले के अडावा गांव की रहने वाली इशरिता पांडा ने 720 में से 622 अंक हासिल कर अखिल भारतीय रैंक 11,895 हासिल की है। उनके पिता अदावा बाजार में सब्जी बेचते हैं।

दोनों ने अपने दूसरे मौके में प्रतिष्ठित परीक्षा पास की क्योंकि वे पिछले साल पहले मौके पर परीक्षा नहीं दे पाए थे। पीटीआई से बात करते हुए पांडा ने कहा कि उसने इसके लिए कड़ी मेहनत की और अपने अंकों से खुश है। वह कटक या बेरहामपुर में एक प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थान में सीट पाने की उम्मीद करती है।

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एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा दलाई राज्य के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी दाखिला लेना चाहता है। उनके पिता ने कहा, 'वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद, मैंने उनके अध्ययन की उपेक्षा नहीं की।' दलाई शिक्षाविद सुधीर राउत की ओर से संचालित आर्यभट्ट नाम के एक निजी संस्थान में भी नि:शुल्क कोचिंग ले रहे थे।

पांडा के पिता ने यह भी कहा कि उन्होंने कोविड-19 के कारण पिछले दो सालों में अपने व्यवसाय में नुकसान के बावजूद अपनी बेटी की पढ़ाई की उपेक्षा नहीं की।

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उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि वह एक डॉक्टर बने और मैंने उसी के अनुसार उसकी मदद की।' राउत ने कहा कि उनके संस्थान ने पिछले कुछ सालों में कुछ गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की है और उनके प्रवेश के लिए धन की व्यवस्था भी की है।