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Delhi Schools Reopen: दिल्ली में 1 नवंबर से खुलने जा रहीं सभी कक्षाएं, इन नियमों को रखना होगा ध्यान

Updated Oct 27, 2021 | 15:25 IST

Delhi Schools Reopen: दिल्ली में कोविड-19 महामारी की वजह से बंद किए गए सभी स्कूलों को फिर से खोला जा रहा है। दिल्ली के डिप्टी सीएम Manish Sisodia ने कहा है कि स्कूल 1 नवंबर, 2021 से सभी कक्षाओं के लिए खोले जा सकेंगे...

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Delhi Schools Reopen: 1 नवंबर से खुलेंगी सभी कक्षाएं (i-stock)
मुख्य बातें
  • दिल्ली में 1 नवंबर से सभी कक्षाएं खुल रही हैं।
  • अब नर्सरी से लेकर 12 तक के छात्र इच्छानुसार जा सकेंगे स्कूल
  • फिजिकल और ऑनलाइन दोनों माध्यम से होगी पढ़ाई

Delhi Schools Reopen: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार (27 अक्टूबर) को कहा कि दिल्ली के सभी निजी और सार्वजनिक स्कूल 1 नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए फिर से खुलेंगे।

उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली में 1 नवंबर से सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को सभी कक्षाओं के लिए खोलने की अनुमति दी जाएगी। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाओं में अधिकतम 50 प्रतिशत की संख्या के साथ हाइब्रिड मोड में कक्षाएं हों।

पैरेंट्स नहीं होंगे बाध्य

जब 9 से 12 तक के लिए स्कूल खोले गए थे तब भी यह बात कही गई थी, कि बच्चों के माता पिता यदि अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चा​हते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं, इस बार भी यह स्टेटमेंट ​Manish Sisodia द्वारा दिया गया है कि स्कूल खुलने पर किसी भी पेरेंट्स को अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। स्कूल में होने वाली पढ़ाई फिजिकल और ऑनलाइन दोनों होगी। इसके अलावा 50 फीसदी से ज्यादा छात्र एक कक्षा में नहीं होंगे। स्कूल ये सुनिश्चित करेगा कि उसके सारे स्टाफ को वैक्सीन लगी हो।

सारी कक्षाएं खुलने का मतलब है कि अब नर्सरी से लेकर आठवीं तक के बच्चे भी स्कूल जा सकेंगे। इससे पहले तक 9 से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए थे। बता दें, कोरोना के प्रकोप के चलते लंबे वक्त से स्कूल बंद चल रहे थे।

सभी के लिए एहतियात बरतना होगा जरूरी

भले स्कूल खुलने वाले हों, लेकिन छात्रों व स्कूल स्टाफ सभी के लिए कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो करना जरूरी है। इसमें छात्रों की संख्या 50 फीसदी होना, हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य होना, मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट के बीच कम से कम एक घंटे का गैप होना, बच्चों को अपनी कोई भी चीज जैसे खाना, किताबें दूसरे बच्चों से साझा न करना, स्कूल के किसी हिस्से में भीड़ न होने देना शामिल है।