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NEET UG 2021: नीट रिजल्ट घोषित, जानें एडमिशन का पूरा प्रॉसेस, ये डॉक्यूमेंट रखना भी जरूरी

Updated Nov 01, 2021 | 18:25 IST

NEET UG Result 2021 Date: नीट रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाती है। जिसमें ऑल इंडिया कोटा और राज्य के आधार पर मेरिट लिस्ट के अनुसार भर्तियां की जाएंगी।

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नीट रिजल्ट आने के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होती है। फोटो-आईस्टॉक
मुख्य बातें
  • ऑल इंडिया कोटे के तहत 15 फीसदी सीटें रिजर्व होती है। जिसके जरिए मेरिट लिस्ट बनाई जाती है।
  • राज्य अपने कोटे के तहत मेरिट लिस्ट घोषित करते हैं। इसके अलावा कॉलेज अपनी कट ऑफ लिस्ट तैयार करते हैं।
  • रिजल्ट घोषित होने के बाद काउंसलिंग के लिए सफल उम्मीदवारों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है।


नई दिल्ली। NEET (नीट) रिजल्ट घोषित हो गए हैं। एक बात और समझनी चाहिए नीट के परिणाम घोषित होने के बाद कॉलेज की अपनी कट ऑफ लिस्ट भी होती है। जिसके आधार पर एडमिशन मिलता है। इसके लिए दो तरह से काउंसलिंग की जाती है। एक काउंसलिंग ऑल इंडिया कोटा ( AIQ) के आधार पर होती है, जबकि दूसरी काउंसलिंग राज्य अपने स्तर पर मेरिट लिस्ट बनाकर करते हैं।

इस आधार पर बनती है मेरिट लिस्ट

उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंक  के आधार पर NTA, AIQ (All India Quota) के जरिए फिर 15 फीसदी सीटों के लिए  एक मेरिट लिस्ट तैयार करता है। इसके साथ ही एनटीए राज्य कोटे की बाकी 85 फीसदी सीटों की काउंसलिंग के लिए सभी राज्यों के योग्य उम्मीदवारों के बारे में लिस्ट भी संबंधित विभाग को साझा करता है। जिसके आधार पर राज्य अपनी मेरिट लिस्ट बनाते हैं।

काउंसलिंग के लिए करना पड़ता है रजिस्ट्रेशन

काउंसलिंग के लिए सफल उम्मीदवार को रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जिसके तहत वह अपने पसंद के कॉलेजों और पाठ्यक्रमों को भरता है। इसके बाद
 नीट 2021 के अंकों के आधार पर सीट की उपलब्धता, भरे गए विकल्प, आरक्षण मानदंड आदि के जरिए सीटें आवंटित की जाती हैं। इसके तहत कॉलेज अपने स्तर पर , सीटों की उपलब्धता को देखते हुए कट ऑफ लिस्ट तैयार करते हैं। जिसमें चयन होने के बाद ही उम्मीदवार को कॉलेज आवंटित किया जाता है।

काउंसलिंग के लिए ये दस्तावेज जरूरी

काउंसलिंग के लिए जाते समय उम्मीदवार को नीट 2021 का एडमिट कार्ड, नीट 2021 या रैंक लेटर के परिणाम, 10वीं पास प्रमाण पत्र, 12 वीं पास प्रमाण पत्र, सरकार द्वारा जारी फोटो आईडी,पासपोर्ट साइज फोटो, यदि जाति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता लागू होती है। इसके अलावा दिव्यांगता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता अगर लागू होती है, तो उसे देना पड़ता है।

आरक्षण के ये हैं नियम

ऑल इंडिया कोटे के तहत 15 फीसदी सीटों के लिए  ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के लिए तय आरक्षण को एडमिशन प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।  इसके तहत ओबीसी कैटेगरी को 27 फीसदी, ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी, एससी कैटेगरी को 15 फीसदी, एसटी को 7.5 फीसदी,  और पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के उम्मीदवार को 5 फीसदी आरक्षण मिलता है।