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बस्ते का बोझ कम करने की तैयारी में सरकार, पाठ्यक्रम में कटौती पर गंभीरता से कर रही विचार

Updated Jun 09, 2020 | 13:48 IST

Ramesh Pokhriyal : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को कहा कि अभिभावकों एवं अध्यापकों के अनुरोध को देखते हुए सरकार पाठ्यक्रम में कटौती का विचार कर रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
बस्ते का बोझ कम करने की तैयारी में सरकार।
मुख्य बातें
  • कोविड-19 के प्रकोप के चलते गत 22 मार्च से बंद हैं स्कूल
  • स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए राज्यों से बातचीत जारी
  • ऑनलाइन एवं डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने पर जोर

नई दिल्ली : कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए सरकार अब आने वाले सत्र के लिए पाठ्यक्रम में कटौती एवं पढ़ाने के घंटों में कटौती करने के बारे में विचार कर रही है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखने एवं अभिभावकों और अध्यापकों के अनुरोध पर गौर करने के बाद सरकार आगामी सत्र के लिए पाठ्यक्रमों एवं अध्यापन के घंटों में कटौती करने के विकल्प पर विचार कर रही है।

22 मार्च से बंद हैं स्कूल
कोविड-19 के संकट के चलते देश भर के स्कूल गत 22 मार्च से बंद हैं। देश पर कोरोना महामारी का खतरा बना हुआ है। ऐसे में स्कूलों को दोबारा कब खोला जाए इस बारे में निर्णय करने के लिए सरकार अभिभावकों, स्कूलों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। एचआरडी मंत्री ने 15 अगस्त के बाद स्कूलों को खोले जाने का संकेत दिया है लेकिन यह बहुत कुछ उस समय की स्थितियों पर निर्भर करेगा। 

राज्यों के साथ बातचीत कर रही सरकार
इस बीच, एचआरडी मंत्रालय स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर राज्यों के साथ सलाह मशविरा करना शूरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री निशंक ने सोमवार को अपने एक ट्वीट में कहा, 'एमएचआरडी राज्यों में डिजिटल एवं ऑनलाइन लर्निंग, हाइजिन उपायों, छात्रों की सुरक्षा, स्वास्थ्य पर सभी राज्य शिक्षा सचिवों के साथ बैठकें कर रहा है।' एचआरडी मंत्री ने अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा डिजिटल एवं ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देने के लिए कहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि सभी स्कूलों को स्वास्थ्य मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय की गाइडलाइन एवं दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

छात्रों की सुरक्षा जरूरी
टाइम्स नाउ से खास बातचीत में स्कूलों के दोबारा खोले जाने के सवाल पर एचआरडी मंत्री ने कहा कि  यह स्पष्ट है कि अभिभावक अपने बच्चों के बारे में चिंतित होंगे, लेकिन छात्रों के लिए भी यह महत्वपूर्ण होगा कि वे सुरक्षित रहें और अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि सरकार सरकार के लिए भी यह जरूरी है। मंत्री ने कहा कि वह राज्य के शिक्षा मंत्रियों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं। राज्यों के स्कूलों को गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।