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ऑनलाइन क्लास मोबाइल या कंप्यूटर के बिना? HRD मंत्रालय SOP पर कर रहा है काम

Updated Jun 16, 2020 | 16:59 IST

Online class: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ऑनलाइन एसओपी पर काम कर रहा है जिसमें छात्रों को डिजिटल कक्षाओं के लिए घंटों तक कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर वक्त नहीं बिताना पड़े

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तस्वीर साभार:&nbspTimes Now
HRD Ministry SOP for Online class
मुख्य बातें
  • ऑनलाइन क्लास के लिए HRD मंत्रालय SOP पर कर रहा है काम
  • कोविड-19 महामारी के कारण सामान्य कक्षाओं की जगह ऑनलाइन कक्षाएं जरूरी
  • कोविड-19 की वजह से लंबे अर्से से स्कूल बंद है

नई दिल्ली:   मानव संसाधन विकास मंत्रालय ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) पर काम कर रहा है जिससे छात्रों को डिजिटल कक्षाओं के लिए घंटों तक कम्प्यूटर या मोबाइल फोन पर वक्त नहीं बिताना पड़े और वे सामान्य रफ्तार से सीख सकें। कोविड-19 महामारी के कारण सामान्य कक्षाओं की जगह ऑनलाइन कक्षाएं जरूरी हो गयी हैं क्योंकि स्कूल लंबे अर्से से बंद हैं और आगे भी बंद रह सकते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों के स्क्रीन के सामने अधिक देर तक रहने संबंधी माता-पिताओं की शिकायत के मद्देनजर दिशानिर्देश विकसित किये जा रहे हैं। अभिभावकों का यह भी कहना है कि कई लोगों के घरों में केवल एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका इस्तेमाल एक बार में केवल एक बच्चे के लिए किया जा सकता है।

बच्चे पूरे दिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर निर्भर

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से विद्यार्थियों के लिए स्क्रीन समय अचानक से बढ़ने की अनेक शिकायतें आई हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो स्कूल अपने परिसरों में बच्चों को मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं देते और इसके इस्तेमाल को लेकर हतोत्साहित करते हैं और अब अचानक से बच्चे पूरे दिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर निर्भर हैं। एक संतुलन बनाना होगा ताकि सेहत संबंधी पहलू पर भी ध्यान रहे।

ऑनलाइन कक्षाओं के लिए एक निश्चित समयावधि तय की जाएगी

अधिकारी के अनुसार कि अनेक हितधारकों के साथ परामर्श करके दिशानिर्देश तैयार किये जा रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाओं के लिए एक निश्चित समयावधि तय की जाएगी ताकि बच्चों को लंबे वक्त तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के सामने नहीं बैठना पड़े।उन्होंने कहा कि बच्चों की साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं और मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा तथा उन्हें दिशानिर्देशों के दायरे में सुरक्षित शिक्षण माहौल देना होगा।लॉकडाउन के कारण पूरे देश में शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं। स्कूली शिक्षा सचिव अनिता करवाल ने भी अशोका विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्कूलों के भविष्य पर हाल ही में आयोजित डिजिटल सम्मेलन में दिशानिर्देशों की बात की थी।