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केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन चुनावी मैदान में, क्या जीत की राह होगी मुश्किल

Updated Feb 04, 2022 | 09:26 IST

सिराथू विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। इस सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा गठबंधन ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल को टिकट दिया है।

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केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन चुनावी मैदान में, क्या जीत की राह होगी मुश्किल
मुख्य बातें
  • सिराथू से मौजूदा विधायक हैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
  • केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा ने पल्लवी पटेल को उतारा
  • पल्लवी पटेल, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं

10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरणों में यूपी विधानसभा का चुनाव संपन्न होगा। इन सभी सात चरणों में कुल 403 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। लेकिन तीन खास सीटों पर सबकी नजर है। गोरखपुर सदर से योगी आदित्यनाथ उम्मीदवार हैं तो करहल सीट से अखिलेश यादव चुनावी मैदान में है और कौशांबी के सिराथू से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। 

केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ पल्लवी पटेल
सिराथू सीट से समाजवादी पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन को चुनावी मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प कर दिया है। बता दें कि अपना दल कृष्णा पटेल सपा के साथ है। अब सवाल यह है कि पल्लवी पटेल के चुनावी मैदान में आने से केशव प्रसाद मौर्य कितनी आसान या मुश्किल होगी यह जानना दिलचस्प है।


सिराथू में जातीय समीकरण

  1. सिराथू में 3 लाख 65 हजार से अधिक मतदाता हैं।
  2. 34 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 33 प्रतिशत दलित वर्ग के मतदाता है।
  3. 19 प्रतिशत मतदाता सामान्य जाति से हैं. और 13 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है।
  4.  पिछड़ा वर्ग और दलित वोट यहां निर्णायक स्थिति में रहते हैं।

क्या कहते हैं जानकार
अब सवाल यह है कि क्या समाजवादी पार्टी की तरफ से केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारा है या परसेप्शन की लड़ाई में खुद को कमजोर साबित ना करने का संदेश दे रही है। इस विषय पर कुछ जानकारों का मानना है कि पल्लवी पटेल के चुनावी मैदान में आने की वजह से लड़ाई दिलचस्प होगी। जहां तक जीत या हार की बात है तो उसका फैसला 10 मार्च को होगा। इसके साथ ही दूसरे जानकारों का कहना है कि अपना दल पटेल का मतलब आम लोग अनुप्रिया गुट को ही मानते हैं। लिहाजा पल्लवी पटेल के आने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है। 
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