- पिछले 23 साल से कांग्रेस पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास है।
- पिछले 25 साल में कांग्रेस ने सबसे अच्छा प्रदर्शन 2009 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में किया था और उसे 206 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
- लेकिन अगर वोट प्रतिशत की बात की जाय तो 1996 में कांग्रेस को पिछले 25 साल में सबसे ज्यादा 28.80 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
Congress Crisis: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए कांग्रेस में नया संकट खड़ा कर दिया है। लगातार हार से, पार्टी के भीतर से ही गांधी परिवार पर भी सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में जहां कांग्रेस का एक धड़ा गांधी परिवार के साथ मजबूती से खड़ा हुआ है तो दूसरा धड़ा पिछले 8 साल में 36 चुनावों में हार के बाद कांग्रेस की कार्यशैली में अहम बदलाव की मांग कर रहा है। गांधी परिवार के साथ खड़े धड़े की हमेशा ये यह दलील रही है कि अगर गांधी परिवार के हाथों से पार्टी की कमान गई तो वह बिखर जाएगी और उसे खराब प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा।
अभी क्या है हकीकत
इस समय कांग्रेस की कमान अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के पास है। जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कमान संभाली है। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाय तो पार्टी को 52 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और पार्टी को 19.67 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
इसके पहले 2014 में कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में चुना लड़ा था और पार्टी की अध्यक्षता सोनिया गांधी के पास थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जो कि उसके राजनीतिक इतिहास का सबसे बुरा प्रदर्शन था। उस वक्त कांग्रेस को करीब 19.52 फीसदी वोट मिले थे।
सोनिया गांधी के समय कैसा रहा प्रदर्शन
सोनिया गांधी पहली बार 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं थीं और उसके बाद 2017 यानी करीब 19 साल तक कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रहीं। इस दौरान, पहली बार सोनिया गांधी के नेतृत्व में 1999 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने लड़ा था। इन चुनावों में पार्टी को 28.30 फीसदी वोट मिले और उसे 114 सीटों पर जीत हासिल हुई।
इसी तरह 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 26.53 फीसदी वोट मिले और उसे 145 सीटों पर जीत हासिल हुई। इसके बाद 2009 का लोकसभा चुनाव एक बार फिर सोनिया गांधी के नेतृत्व में लड़ा गया और कांग्रेस को 28.55 फीसदी वोट हासिल हुआ और उसे 1991 के बाद पहली बार 200 से ज्यादा सीटें मिली। इन चुनावों में पार्टी को 206 सीटें हासिल हुई। यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दौर में पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन 2009 के लोकसभा चुनाव में किया। हालांकि वह बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई।
अध्यक्ष | लोक सभा चुनाव | वोट प्रतिशत (फीसदी) | सीटें |
राहुल गांधी | 2019 | 19.67 | 52 |
सोनिया गांधी | 2014 | 19.52 | 44 |
2009 | 28.55 | 206 | |
2004 | 26.53 | 145 | |
1999 | 28.30 | 114 | |
सीताराम केसरी | 1998 | 25.82 | 141 |
पी.वी.नरसिम्हा राव | 1996 | 28.80 | 140 |
पी.वी. नरसिम्हा राव और सीता राम केसरी के समय कैसा था प्रदर्शन
सोनिया गांधी की राजनीति में एंट्री के पहले कांग्रेस पार्टी की कमान 1991 से 1998 के दौरान पी.वी.नरसिम्हा राव और सीता राम केसरी के साथ में रही थी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव के नेतृत्व में 1996 का लोकसभा चुनाव लड़ा गया। इन चुनावों में पार्टी को 28.80 फीसदी वोट मिले और पार्टी को 140 सीटों पर जीत हासिल हुई।
इसके बाद 1998 का लोकसभा चुनाव सीताराम केसरी की अध्यक्षता में लड़ा गया। और पार्टी को 25.82 फीसदी वोट के साथ 141 सीटें हासिल हुईं।