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UP Vidhansabha Chunav 2022: 'लड़की हूं लड़ सकती हैं', प्रियंका गांधी ने चुनावी राजनीति को दी नई दिशा !

Updated Jan 09, 2022 | 20:01 IST

यूपी में चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा और चुनाव में 40 फीसद महिलाओं को टिकट देने का ऐलान किया था। प्रियंका गांधी ने कहा था कि देश के सबसे बड़े सूबों में से एक यूपी जिस दौर से गुजर रहा है उसका निदान सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के पास है।

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UP Vidhansabha Chunav 2022: 'लड़की हूं लड़ सकती हैं', प्रियंका गांधी ने चुनावी राजनीति को दी नई दिशा !
मुख्य बातें
  • प्रियंका गांधी ने महिलाओं को 40 फीसद टिकट देने का ऐलान किया था
  • लड़की हूं, लड़ सकती हूं के जरिए प्रियंका गांधी ने शुरू किया था चुनावी अभियान
  • यूपी में सात चरणों में 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक चुनाव, 10 मार्च को नतीजों का ऐलान

कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता पर वही दल काबिज होता है जिसका झंडा यूपी की राजनीतिक जमीन पर लहराता है। दरअसल यह सिर्फ कहावत नहीं बल्कि हकीकत भी है। इस समय देश की और यूपी की सत्ता पर बीजेपी काबिज है। लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेसी नेताओं  को यकीन है कि वो ना सिर्फ 2022 में यूपी को फतह करेंगेबल्कि 2024 में दिल्ली की सत्ता पर भी काबिज होंगे। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है। दरअसल कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि यूपी विधानसभा चुनाव में 40 फीसद महिलाओं को टिकट के साथ लड़की हूं लड़ सकती हूं ट्रंप कार्ड साबित होगा।  

'40 फीसद महिलाओं को टिकट ट्रंप कार्ड'
यूपी की सियासी फसल काटने के लिए प्रियंका गांधी ने चुनाव में 40 फीसद महिलाओं को टिकट देने का ऐलान किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि महिलाओं की सशक्तिकरण की बात तो विरोधी दल करते हैं लेकिन जब भागीदारी का मसला आता है को वो पीछे हट जाते हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी का इतिहास अगर आप देखें तो जो वादे जनता से किए गए उसे पूरा भी किया गया। अगर कांग्रेस का मानस महिलाओं के विकास से जुड़ा रहा है तो वो सिर्फ किताबों के पन्नों तक सीमित नहीं है।

राजनीति में कुछ भी नामुमकिन नहीं

इस सवाल के जवाब में राजनीति के दिग्गज जानकार मानते हैं कि राजनीति में कुछ भी नामुमकिन या मुमकीन हो सकता है। राजनीति तो सिर्फ संभावनाओं का खेल है। राजनीति में जिस दल ने अंकगणित और कैमिस्ट्री को समझ लिया सत्ता उसके हाथ में है यानी कि यूपी की सत्ता कांग्रेस के हाथ में कैद हो सकती है। अब सवाल ये है कि आखिर वो कौन सी वजह हैं जिसके आधार पर इस तरह के दावे पर यकीन किया जा सकता है। 


उन्नाव से लेकर हाथरस और बुंदेलखंड से लखीमपुर

 
जानकार कहते हैं कि अगर 2019 के आम चुनाव के बाद के परिदृश्य को देखें को प्रियंका गांधी हर उन मुद्दों पर यूपी की जनता के बीच मौजूद रहीं है जब दूसरे राजनीतिक दल पीछे रह गए। चाहे उन्नाव रेप कांड का मामला हो, स्वामी चिन्मयानंद का प्रकरण रहा हो,सोनभद्र का मसला रहा हो, हाथरस का मसला रहा हो या लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला रहा हो। प्रियंका गांधी हर एक मौके पर पहुंची और उन पीड़ित परिवारों से मिलीं खासतौर से महिलाओं से जिन्होंने पीड़ा को सबसे ज्यादा झेला। 

आगे की राह होगी आसान
प्रियंका गांधी ने जब लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा बुलंद किया तो उसे महिलाओं के एक बडे़ वर्ग ने सराहा। लेकिन विपक्षी दलों की तरफ से आवाज आई कि यह सब नौटंकी है। कांग्रेस का इतिहास यह रहा है कि जो नारे वो बुलंद करती है काम उसके खिलाफ करती रही है। लेकिन प्रियंका गांधी के इन वादों या वचनों पर निष्पक्ष राय क्या है इसे भी समझना जरूरी है। वाराणसी की रहने वाली रागिनी कहती हैं कि प्रियंका गांधी द्वारा 40 फीसद महिलाओं को टिकट क्रांतिकारी कदम है। उनकी यह पहल आने वाले समय में दूसरे राजनीतिक दलों को भी महिलाओं को टिकट देने के लिए बाध्य करेगी। जहां तक यूपी विधानसभा 2022 का सवाल है यह कह पाना मुश्किल है कि कांग्रेस का भविष्य कितना चमकीला होगा। लेकिन कांग्रेस की तरफ से उठाए गए कदम भविष्य की राजनीति की दशा और दिशा दोनों को तय करेंगे।