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मोदी-योगी की प्रशंसक रही हैं अपर्णा यादव, क्या लखनऊ कैंट का मिलेगा ईनाम

Updated Jan 19, 2022 | 14:44 IST

UP Assembly Election 2022: अपर्णा यादव का भाजपा में शामिल होना, मुलायम सिंह परिवार के लिए बड़ा झटका है। अपर्णा ने यह कह कर कि उन्हें मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद प्राप्त है, राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव, भाजपा में शामिल हुईं
मुख्य बातें
  • अपर्णा यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान, योगी आदित्यनाथ के काम-काज की प्रशंसा करती रही हैं।
  • लखनऊ कैंट सीट से पिछली बार अपर्णा यादव सपा के टिकट से लड़ी थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
  • अपर्णा यादव को पार्टी में शामिल कर, भाजपा को अखिलेश यादव पर हमला करने का मौका मिल गया है।

नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के कुनबे में सेंध लगा दी है। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव आज सपा का साथ छोड़, भाजपा में शामिल हो गईं। चुनावों से पहले अखिलेश यादव के लिए यह बड़ा झटका है। क्योंकि अभी तक वह स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान सहित कई भाजपा नेताओं को सपा में शामिल कर, भाजपा की कमजोर होती पकड़ का दावा कर रहे थे। लेकिन अपर्णा यादव का उनका साथ छोड़ने से, भाजपा को उनके खिलाफ हमले का मौका मिल गया है।

भाजपा ने इस तरह साधा अखिलेश पर निशाना

अपर्णा यादव के सपा में शामिल होने पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कू-ऐप पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है "समाजवादी पार्टी के संरक्षक श्री मुलायम सिंह यादव जी की पुत्रवधू श्रीमती अपर्णा यादव जी का परिवारवाद के दलदल से निकल कर राष्ट्रवाद के पथ पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी में स्वागत है। अच्छे लोग अपने लिये सही रास्ता खोज ही लेते हैं।"

मुलायम सिंह को लेकर अखिलेश-अपर्णा के अलग-अलग बयान

भाजपा में शामिल होने पर अपर्णा यादव ने कहा है कि मैं सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर आई हूं। उनसे जब यह यह पूछा गया कि यदि आप चुनाव लड़ती हैं तो क्या मुलायम आपके लिए प्रचार करेंगे तो अपर्णा ने कहा कि मुझे उनका आशीर्वाद प्राप्त है। बाकी बातें बाद की हैं। 

अपर्णा के बयान से साफ है कि वह मुलायम सिंह यादव की सहमति से भाजपा में शामिल हुई हैं। हालांकि अखिलेश यादव ने उनके भाजपा में शामिल होने पर मुलायम सिंह यादव को लेकर अलग ही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नेता जी ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की। हालांकि मैं उनके भाजपा में शामिल होने पर बधाई देता हूं। मुझे खुशी है कि समाजवादी विचारधारा दूसरी पार्टियों में भी फैल रही है।

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मोदी-योगी की करती रही है प्रशंसा

भाजपा में शामिल होने पर अपर्णा यादव ने कहा कि  मैं हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित थी। मेरे चिंतन में राष्ट्र सबसे पहले है। मैं अब राष्ट्र की आराधना के लिए निकली हूं। मैं पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित रही हूं।

ऐसा नहीं है कि अपर्णा यादव पार्टी में शामिल होने पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर रही है। इसके पहले भी वह 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की प्रशंसा करने और 2017 में प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी लेने को लेकर चर्चा में आई थी। इसके अलावा वह 2018 में योगी सरकार के काम-काज की भी प्रशंसा कर चुकी हैं।  इसके अलावा वह योगी आदित्यनाथ के गो-सेवा कार्यक्रमों की भी प्रशंसक रही है। और इस सिलसिले में दोनों की मुलाकात भी होती रही है।

राम मंदिर के लिए दिया था दान

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भी उनका बयान सुर्खियों में रहा था। जब समाजवादी पार्टी मंदिर निर्माण पर कुछ बोलने से बचती थी, तब 2018 में उन्होंने कहा था कि 'भगवान श्रीराम किसी पार्टी के नहीं हैं बल्कि सबके हैं। मैं तो भगवान श्रीराम के साथ हूं। चाहती हूं कि श्रीराम का मंदिर बने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने की बात कही है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी इंतजार करना चाहिए।' इसके बाद राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने 11 लाख रुपये का दान भी किया था।

लखनऊ कैंट सीट का मिलेगा ईनाम ?

अपर्णा यादव का अखिलेश यादव को झटका देने की एक बड़ी वजह लखनऊ कैंट सीट मानी जा रही है। 2017 में अपर्णा यादव, समाजवादी पार्टी की सीट से चुनाव लड़ी थी। और उन्हें 60 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन वह भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से 31 हजार सीटों से हार गईं थी। और वह इस बार फिर से वहां से टिकट की उम्मीद कर रही है। वह पिछले 9 साल से इसी इलाके में एनजीओ भी चला रही है। लेकिन ऐसे संकेत हैं कि इस बार सपा उन्हें टिकट देने के मूड में नहीं है। और उनके भाजपा छोड़ने की यह एक बड़ी वजह रही है। 

ऐसे में अब देखना है कि क्या भाजपा रीता बहुगुणा जोशी की अनदेखी कर अपर्णा को टिकट देगी। क्योंकि जोशी पहले ही अपने बेटे के लिए वहां से टिकट मांग रही है। इसके लिए सांसद से इस्तीफा देने तक की बात कह चुकी हैं। इन परिस्थितियों में अगर भाजपा अपर्णा को टिकट देती है तो रीता बहुगुणा जोशी के बागी तेवरों का भी सामना करना पड़ सकता है।  

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