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ओमप्रकाश राजभर,जिन्हें यूपी में 'मंत्री पद' से किया गया था बर्खास्त,फिर ठोंक रहे ताल, सियासी सफर पर एक नजर

Updated Feb 05, 2022 | 10:50 IST

Who is Omprakash Rajbhar: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री रहे हैं और गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक हैं।

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ओमप्रकाश राजभर फिर ठोंक रहे ताल, उनके सियासी सफर पर एक नजर
मुख्य बातें
  • राजभर 2017 में  गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधानसभा चुनाव जीते
  • पहली बार में ही वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन गए
  • उन्हें योगी सरकार में 2019 में मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था

Omprakash Rajbhar Profile: ओमप्रकाश राजभर का उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासा नाम है और उन्हें योगी सरकार में 2019 में मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था, खास बात ये है कि  राजभर 2017 में  गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधानसभा चुनाव जीते और पहली बार में ही वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन गए, वो योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे।

वहीं  2019 में उन्होंने बीजेपी से गठबंधन भी तोड़ दिया अब यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ओपी राजभर ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है इससे पहले मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के साथ भी उनका गठबंधन रहा है। 2022 चुनाव के लिए पहले ओमप्रकाश ने ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के साथ भी हाथ मिलाए लेकिन ज्यादा दिन साथ नहीं रहा और उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया।

ऐसा रहा है ओम प्रकाश राजभर का 'सियासी सफर'

राजभर ने 1981 में कांशीराम के समय में राजनीति शुरू की 2001 में इनका बहुजन समाज पार्टी में मायावती से विवाद हुआ था। ओमप्रकाश राजभर भदोही का नाम बदल कर संतकबीर नगर रखने से नाराज थे। इसके बाद इन्होंने अपनी पार्टी बनाई। 2004 से चुनाव लड़ रही पार्टी ने यूपी और बिहार के चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए मगर ज़्यादातर मौकों पर जीतने से ज़्यादा खेल बिगाड़ने वाले बने रहे, मगर साल 2017 में बीजेपी के साथ गठबंधन करके उन्होने सत्ता के साथ रहने का आनंद लिया।

राजभर कांशीराम से प्रभावित होकर बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे

ओम प्रकाश राजभर का जन्म वाराणसी के फत्तेपुर खौंदा सिंधौरा गांव में हुआ ओपी राजभर कांशीराम से प्रभावित होकर बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे, वह पहला चुनाव बसपा के टिकट पर ही लड़े थे बसपा छोड़ने के बाद वो अपना दल में भी रहे बाद में अपना दल से अलग होकर ओम प्रकाश राजभर ने 27 अक्टूबर 2002 को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनाई।

'पिछड़े वर्ग' के लोगों के हक के लिए लड़ाई में जुटे हैं राजभर

एक समय बीजेपी के साथ गठबंधन में रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का बड़ा नेता माना जाता है। बताते हैं कि राजनीति में कदम रखते ही ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़े वर्ग के लोगों के हक के लिए लड़ाई शुरू कर दी उनका मानना है कि जब तक आरक्षण का वर्गीकरण नहीं होगा तब तक अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है राजभर का कहना है कि बीजेपी से समझौता भी उन्होंने इसी शर्त पर किया था कि सरकार बनी तो पिछड़ों के आरक्षण में बंटवारा कर दिया जाएगा।

राजभर VS राजभर: ओपी राजभर 'जहूराबाद' छोड़ अब वाराणसी की 'शिवपुर सीट' से ठोकेंगे ताल

वहीं पिछले करीब तीन वर्ष से भाजपा के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने मोदी के गढ़ में बीजेपी को टक्कर देने का निर्णय लिया है कहा जा रहा है कि वह वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे गौर हो कि शिवपुर से वर्तमान में विधायक अनिल राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, अनिल राजभर यूपी की योगी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। ओमप्रकाश राजभर के शिवपुर से उतरने की खबर से काशी की शिवपुर सीट सुर्खियों में आ गई है।