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दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर राजनीतिक दलों को मिलेगा प्रचार का दोगुना समय, चुनाव आयोग ने लिया फैसला

गौरव श्रीवास्तव | कॉरेस्पोंडेंट
Updated Jan 14, 2022 | 21:14 IST

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के प्रादेशिक केंद्रों पर राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए समय मिलता है। अब प्रचार के टाइम को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
दूरदर्शन और रेडियो पर चुनाव प्रचार का समय बढ़ा

कोरोना महामारी के मद्देनजर 5 राज्यों में अपनी किस्मत आजमा रहीं राजनीतिक पार्टियों के लिए खुशखबरी आयी है। सरकारी संचार माध्यम दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर अब राजनीतिक पार्टियां दोगुना समय अपना प्रचार कर सकेंगी। आम चुनाव या किसी भी राज्य के विधानसभा चुनावों के दौरान राष्ट्रीय दलों और मान्यताप्राप्त क्षेत्रीय दलों को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर अपनी पार्टी का पक्ष रखने का मौका मिलता है। इस साल गोवा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हैं।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के प्रादेशिक केंद्रों पर राजनीतिक दलों को ये सुविधा मिलेगी। कुल 90 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इस डेढ़ घंटे के अलावा बाकी समय पार्टियों को पिछले विधानसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन के आधार पर अतिरिक्त समय दिया गया है। एक बार में एक पार्टी ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट अपना पक्ष या चुनावी घोषणा रख पाएगी। चुनाव आयोग की सलाह से प्रसार भारती ब्रॉडकास्ट/टेलीकास्ट का दिन तय करेगी। इसके अलावा पार्टियों को ट्रांसक्रिप्ट और रिकॉर्डिंग पहले से जमा करानी होगी। इस अतिरिक्त समय के अलावा दूरदर्शन और रेडियो पर चार पैनल डिस्कशन भी आयोजित किये जायेंगे।

ये हैं दूरदर्शन और रेडियो पर प्रचार के नियम:  दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर प्रचार के दौरान कोई भी राजनीतिक दल ऐसा कुछ भी नहीं कह सकेंगे जो...

  1. दूसरे देश की आलोचना हो।
  2. किसी भी धर्म या समुदाय विशेष पर हमला लगे।
  3. जो अश्लील या मानहानि करने वाली हो।
  4. जिससे हिंसा को बढ़ावा मिले।
  5. जिससे अदालत की अवमानना हो।
  6. राष्ट्रपति और न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचे।
  7. देश की एकता अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ हो।
  8. किसी भी व्यक्ति का नाम लेकर उसकी आलोचना नहीं कर सकेंगे।

जानें दूरदर्शन और रेडियो पर किस दल को मिला कितना समय:- 

  • गोवा में बीजेपी को 465 मिनट, कांग्रेस को 418 मिनट, एनसीपी 116, महाराष्ट्रवादी गोमंतक को 220, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को 130 मिनट और बाकी के मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों को 90-90 मिनट दिए गए हैं।
  • मणिपुर में बीजेपी को 489, कांग्रेस को476, एनसीपी को 100, तृणमूल कांग्रेस को 106, एनपीएफ को 169, सीपीआई को 98 और बाकी के मान्यता प्राप्त दलों को 90-90 मिनट दिए गए हैं।
  • पंजाब में बीजेपी को 141 , कांग्रेस को 456, तृणमूल कांग्रेस को 91, अकाली दल को 330, आम आदमी पार्टी को 315, बसपा को 104 और बाकी क्षेत्रीय दल को 90 मिनट का समय मिलेगा।
  • उत्तराखंड में बीजेपी को 474, कांग्रेस 367, बसपा को 148 मिनट और पहले की नियम की तरह राज्य के बाकी मान्यता प्राप्त दलों को डेढ़ घंटे समय दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर अपना पक्ष रखने के लिए मिलेगा।
  • और देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 478, समाजवादी पार्टी को 303, बसपा को 307, कांग्रेस को 151 और राष्ट्रीय लोक दल को 107 मिनट अपना पक्ष रखने के लिए तय किए गए हैं।

आखिर क्यों बढ़ाया गया पार्टियों के लिए प्रचार का समय

भारत में चुनाव के लिए यह अभूतपूर्व समय है जब पहली बार कोरोना वायरस हुए चुनाव प्रचार के लिए बड़ी रैलियों पर रोक लगा दी गई है आगामी समय में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यमों से प्रचार करने का निर्देश दिया है हालांकि सभी राजनीतिक दलों पर बराबर संसाधन ना होने की वजह से यह मांग उठती रही कि चुनाव आयोग को उनके लिए 'लेवल प्लेयिंग फील्ड' तैयार करना चाहिए। इसी को देखते हुए प्रसार भारती से चर्चा करने के बाद चुनाव आयोग ने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार का समय दोगुना कर दिया है। दूरदर्शन पर राजनीतिक दलों के प्रचार की शुरुआत सबसे पहले 1998 के लोकसभा चुनाव में हुई थी।