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Punjab Assembly Elections 2022: जादुई आंकड़ा '59' की लड़ाई, पंजाब का चुनाव यूं हो चुका है दिलचस्प

Updated Feb 18, 2022 | 08:45 IST

सियासत में शब्दों के चयन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सियासी बयान कितना तेजी से चुनावी माहौल को बदलते हैं, पंजाब उसका उदाहरण है। चरणजीत सिंह चन्नी का भैया वाला बयान और कुमार विश्वास के खुलासे के राजनीति गरमायी हुई है।

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Punjab Assembly Elections 2022: जादुई आंकड़ा '59' की लड़ाई, पंजाब का चुनाव यूं हो चुका है दिलचस्प
मुख्य बातें
  • पंजाब में 20 फरवरी को मतदान
  • कांग्रेस, आप, शिरोमणि अकाली दल, कैप्टन अमरिंदर सिंह-बीजेपी गठबंधन में टक्कर
  • पंजाब में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 59

2022 में पंजाब में किसकी सरकार बनेगी इसके लिए राजनीतिक दल 20 फरवरी को चुनावी परीक्षा देने के लिए पुरजोर तरीके से जुटे हैं। पंजाब के सभी दलों का दावा है कि इस बार सरकार बनाने के लिए 59 सीटों का जादुई आंकड़ा उनके पक्ष में आने वाला है। इन सबके बीच सियासी बयानों के जरिए माहौल को अपने पक्ष में बनाने की कोशिश की जा रही है। इस चुनाव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कांग्रेस के कद्दावर चेहरा रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान में हैं। 

सियासी बयान से पंजाब में सनसनी
20 फरवरी को मतदान से महज चार दिन पहले पंजाब की राजनीति में दो बयानों मे सनसनी पैदा कर दी। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने यूपी और बिहार के लोगों को भैया क्या कहा कि उसका असर पंजाब के बाहर दिखाई देने लगा। सियासी दबाव इस हद तक बढ़ा कि चरणजीत सिंह चन्नी को सफाई देनी पड़ गई कि उनके बयान को गलत संदर्भ में देखा गया। वो पंजाब के विकास में यूपी-बिहार के योगदान की तारीफ करते हैं। लेकिन उनके बयान में विरोधी खेमे को खुद के लिए उम्मीद नजर आती है। 

'ढोंगी और बेईमान है दूसरे दल'
इसके साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बारे में उनके दोस्त रहे कुमार विश्नास ने जिस तरह से सनसनीखेज जानकारी दी उसके बाद कांग्रेस पूरे जोश के साथ हमलावर है। सीएम चन्नी ने तो बाकायदा पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर जांड कराने तक की मांग कर दी है ताकि सच पता चल सके। बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तो पहले ही अरविंद केजरीवाल के ऊपर आरोप लगा चुके हैं कि लो आतंकी के घर रुके थे। जब विपक्षी दलों की तरफ से अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा गया तो आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरी आरोप लगाने वाले सभी नेताओं तो ढोंगी और बेईमान तक बता डाला। आप का कहना है कि पंजाब में उनकी पार्टी की आंधी चल रही है और आरोप लगाने वाले दल बौखलाए हुए हैं। 

क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि कभी कभी नेता अतिरेक में इस तरह के बयान देते हैं तो उसका मकसद लोगों को अपने पक्ष में संगठित करना होता है। लेकिन अगर सामने वाला शख्स शब्दों के चयन में बेहतर निकला तो मामला उल्टा पड़ सकता है। 2019 के चुनाव को उदाहरण के लिए लिया जा सकता है कि कैसे कांग्रेस के थिंक टैंक में शुमार सैम पित्रोदा का क्या हुआ बयान कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया। पंजाब के चुनाव में आम आदमी पार्टी को यकीन है कि वो अगली सरकार बनाने जा रही है तो कांग्रेस को भी यकीन है कि सीएम का  चेहरा बदलने और चेहरा घोषित किए जाने के बाद जमीनी स्तर पर बदलाव हुआ है जिसका फायदा पार्टी को जरूर होगा। 

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