Rashtravad : यूपी चुनाव में अब चंद महीने का वक्त बचा है अगले हफ्ते आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर सकता है लेकिन उससे पहले वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए हर तरीके के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हर तरीके का कार्ड खेला जा रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब ब्राह्मण कार्ड खेला है। पहले परशुराम की मूर्ति का अनावरण और अब फिर अयोध्या दौरे का ऐलान। इस बीच अखिलेश ने कल कहा कि उनके सपने में भगवान कृष्ण आए और उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बन रही है। अखिलेश ने भगवान श्रीकृष्ण का नाम लेकर बीजेपी की पिच पर बैटिंग करने की कोशिश की और ब्राह्म्ण कार्ड खेलने की कोशिश की तो अलीागढ़ से यीएम योगी ने अखिलेश पर करारा हमला बोला।
लखनऊ के गोसाइगंज में 68 फीट उंचे भगवान परशुराम की मूर्ति। एक हाथ में परशुराम का फरसा और दूसरे हाथ में भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र को लेकर ब्राह्मण समाज से वोट देने की अपील की। अखिलेश के बयान पर बीजेपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी नेता शिव प्रताप शुक्ला ने भी हमला बोला और कार सेवकों पर चलाई गई गोली की याद अखिलेश को दिलाई।
अखिलेश ही नहीं सभी पार्टियां ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी तो ब्राह्मण वोटबैंक को अपना गढ़ मानती है लेकिन इस बार माना ये जा रहा है कि ब्राह्णण वोटर बीजेपी से नाराज हैं इसलिए तमाम दल उन्हें रिझाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। मायावती की पार्टी हो या फिर कांग्रेस। हर पार्टी ने ये दांव चला है।
पिछले तीन चुनाव में ब्राह्मण वोट बीजेपी के साथ रहा है:-
ब्राह्म्णों पर फोकस इसलिए भी है क्योंकि यूपी की सत्ता सियासी ड्राइवर हैं ब्राह्मण
यूपी के 21 मुख्यमंत्रियों में 6 ब्राह्मण रहे हैं
आजादी के बाद यूपी में आठ बार ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने
इतना ही नहीं ब्राह्मण वोटबैंक एकजुट होकर वोट देता है
पार्टी बदलने के लिए तैयार रहते हैं।
ब्राह्मण वोट बैंक एक प्रभावशाली वोटबैंक है जो
अपने साथ अन्य वोट बैंक को भी प्रभावित करता है
ज्यादातर चुनावों में ब्राह्मण जिनके साथ, उनकी सरकार बनी है
यूपी में ब्राह्मण कार्ड
मायावती ने जुलाई में ब्राह्मण सम्मलेन शुरू किया
अखिलेश ने अगस्त में ब्राह्मण सम्मलेन शुरू किया
बीजेपी का सितम्बर से प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन
कांग्रेस का सितम्बर से ब्राह्मण सम्मलेन
ब्राह्मण पर सबका फोकस क्यों ?
प्रदेश की सत्ता के सियासी ड्राइवर हैं ब्राह्मण
यूपी के 21 मुख्यमंत्रियों में 6 ब्राह्मण
आजादी के बाद यूपी में आठ बार ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने
ब्राह्मण वोटबैंक एकजुट होकर वोट देता है
पार्टी बदलने के लिए तैयार रहते हैं।
ब्राह्मण वोट बैंक एक प्रभावशाली वोटबैंक
अपने साथ अन्य वोट बैंक को भी प्रभावित करता है
ज्यादातर चुनावों में ब्राह्मण जिनके साथ, उनकी बनी सरकार
ऐसे में आज के सवाल है:-
बीजेपी की पिच पर बैटिंग कर रहे अखिलेश ?
अखिलेश को सपना आया, श्रीकृष्ण ने क्या बताया?
अबकी बार यूपी में किसका 'सपना' होगा साकार ?
ब्राह्मण कार्ड से यूपी में मिलेगी सत्ता ?