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Uttarakhand assembly election 2022: हरक सिंह रावत बोले हरीश रावत से 100 दफा माफी मांगने को तैयार, क्या बन गई बात

Updated Jan 18, 2022 | 14:18 IST

बीजेपी से निष्कासित हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत उनके बड़े भाई हैं, एक बार क्या 100 दफा माफी मांगने के लिए तैयार हूं।

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Uttarakhand assembly election 2022: हरक सिंह रावत बोले हरीश रावत से 100 दफा माफी मांगने को तैयार, क्या बन गई बात
मुख्य बातें
  • हरक सिंह रावत को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है।
  • निष्कासन के बाद हरक सिंह रावत बोले- कांग्रेस के लिए काम करने को तैयार
  • हरीश रावत ने कहा था कि 2016 की गलती मान लें तो एंट्री पर करेंगे विचार

हरक सिंह रावत इस समय बिना दल के हैं। दरअसल बीजेपी ने उन्हें सरकार और पार्टी दोनों जगह से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया गया कि वो अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे थे। बीजेपी विधायकों को भड़का रहे थे। इन आरोपों पर हरक सिंह रावत ने कुछ कहने से इनकार कर दिया था, हालांकि आंखों में आंसू के साथ कहा उन्हें सफाई का मौका नहीं मिला इसके साथ यह भी कहा कि अब वो कांग्रेस के लिए काम करेंगे, उत्तराखंड अब कांग्रेस के साथ है। लेकिन सवाल यही था कि क्या हरीश रावत उनकी एंट्री होने देंगे। लगे हाथ हरीश रावत ने 2016 की याद दिलाई जब हरक सिंह के बगावती तेवर के बाद हरीश रावत की सरकार मुश्किल में आ गई थी।

बड़े भाई हैं, 100 दफा मांग सकता हूं माफी- हरक सिंह रावत
हरीश रावत ने जब कहा कि क्या वो 2016 की गलती को मानेंगे तो उसका जवाब हरक सिंह रावत ने इस तरह दिया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत उनके बड़े भाई हैं, वो उनसे 100 दफा माफी मांग सकता हूं। वो सिर्फ और सिर्फ उत्तराखंड का विकास चाहते हैं। इसक साथ कहा कि कांग्रेस के सामने उन्होंने अपनी बात रख दी है और अब फैसले का इंतजार है। जैसा फैसला होगा उसके बाद निर्णय करेंगे।

हरीश रावत ने क्या कहा था
उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा था कि अगर वह (उत्तराखंड भाजपा से निष्कासित मंत्री हरक सिंह) कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अपनी गलती स्वीकार करेंगे, तो हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सामने बड़ी प्राथमिकता बीजेपी को हराने की है। उत्तराखंड का जनमत बीजेपी के खिलाफ हैं। वो चाहते हैं कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में गए लोग पार्टी से जुड़े। लेकिन 2016 में जिन लोगों की वजह से पार्टी का नुकसान हुआ था उन्हें गलती का अहसास तो होना चाहिए।

क्या था मामला
2016 में हरीश रावत सरकार के सामने चुनौतियां विकराल रूप में आ चुकी थीं। विजय बहुगुणा के साथ साथ कई विधायक बगावत का झंडा बुलंद किए हुए थे उनमें से एक थे हरक सिंह रावत। हरीश रावत जैसे तैसे अदालती मदद से अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय हुई। हरीश रावत के खिलाफ बगावत करने वाले हरक सिंह रावत ने बीजेपी का दामन थाम लिया और सरकार का हिस्सा भी बने।