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60 Years of Mughal-E-Azam: 14 साल में बनी थी मुगल-ए-आजम, पूरी फ‍िल्‍म के बजट में शूट हुआ था एक गाना

Updated Aug 03, 2020 | 08:02 IST

60 Years of Mughal-E-Azam: 5 अगस्‍त 1960 को र‍िलीज हुई सदी की सर्वश्रेष्‍ठ फ‍िल्‍मों में शुमार मुगल-ए-आजम ऐसी फ‍िल्‍म थी जिसे बनाने में डायरेक्‍टर ने सारी दौलत लुटा दी थी।

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Mughal-E-Azam
मुख्य बातें
  • 5 अगस्‍त 1960 को र‍िलीज हुई थी मुगल-ए-आजम
  • 14 साल में बनकर तैयार हुई थी पूरी फ‍िल्‍म
  • डायरेक्‍टर के आसिफ का जुनून थी यह फ‍िल्‍म

60 Years of Mughal-E-Azam: हिंदी सिनेमा 110 साल से अधिक उम्र का हो चुका है और इस लंबे कालखंड में जब भी श्रेष्‍ठतम फ‍िल्‍मों की बात आती है तो मुगल-ए-आजम का नाम शीर्ष पर होता है। हर नायाब चीज को तराशने में वक्‍त लगता है और इस बात को सिद्ध किया था मशहूर डायरेक्‍ट के आसिफ ने। 5 अगस्‍त 1960 को र‍िलीज हुई सदी की सर्वश्रेष्‍ठ फ‍िल्‍मों में शुमार मुगल-ए-आजम ऐसी फ‍िल्‍म थी जिसे बनाने में डायरेक्‍टर ने सारी दौलत और जिंदगी के 14 साल खर्च किए। इस फ‍िल्‍म को 60 साल पूरे हो रहे हैं और इस मौके पर जानते हैं कुछ खास बातें।

कुछ गाने, कुछ क‍िस्‍से, कुछ डायलॉग, कुछ फ‍िल्‍में सदाबहार होती हैं। मुगल-ए-आजम भी ऐसी ही सदाबहार फ‍िल्‍म है जिसकी छाप आज भी लोगों के जेहन में है। सलीम और अनारकली की प्रेमकहानी को द‍िखाने वाली फ‍िल्‍म 'मुगल-ए-आजम' उस जमाने की सबसे महंगी फ‍िल्‍म थी। उस वक्त मुगल-ए-आजम 1.5 करोड़ में बनकर तैयार हुई थी, जिसे आज के दौर में बनाने में तकरीबन 40 करोड़ से भी ज्यादा की लागत लगती। लेक‍िन ये भी सच है क‍ि ये फ‍िल्‍म केवल पैसे से ही नहीं बन पाई, इस फ‍िल्‍म को बनाने में दो दशकों को जुनून लगा था।

डायरेक्‍टर के आस‍िफ ने 'मुगल-ए-आजम' मुगल बादशाह मोहम्मद जलालुद्दीन अकबर के बेटे सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी पर बनाई थी जो पहले 1940 में रिलीज होने वाली थी। पहले इस फ‍िल्‍म में एक्टर सप्रू चंद्रमोहन और नरगिस ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। बाद में 20 साल बाद इस फ‍िल्‍म को नई स्‍टार कास्‍ट के साथ र‍िलीज क‍िया गया। इस बार पृथ्‍वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला को मुख्‍य भूमिकाओं में लिया गया।

दरअसल ‘मुंबई टॉकीज’ में जब मुगल-ए-आजम की शूट‍िंग शुरू हुई तो उसके तुरंत बाद भारत और पाकिस्तान का व‍िभाजन होने लगा। फिल्म के प्रोड्यूसर सिराज भारत से पाकिस्तान चले गए और यह फिल्म बंद हो गई। 1952 में एक बार फ‍िर नए प्रोड्यूसर और नए एक्टर्स के साथ इसकी शूट‍िंग शुरू हुई। मुगल-ए-आजम की शूट‍िंग 14 साल से ज्‍यादा समय तक चली थी।

एक गाने को शूट करने में खर्च हो गए थे 10 लाख रुपये

यह एक ऐसी फ‍िल्‍म है ज‍िसका न‍िर्माण अंग्रेजों के शासन में शुरू हुई थी और पूरी तब हुई जब भारत आजाद हो गया था। ज‍िस समय मुगल-ए-आजम बनी थी उस वक्‍त फ‍िल्‍में 10 से 15 लाख में बन जाया करती थीं। के आस‍िफ इस फ‍िल्‍म के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते थे। यही वजह थी क‍ि उन्‍होंने पूरे परफेक्‍शन के साथ इसे बनाया। इस फ‍िल्‍म में कास्‍ट‍िंग से लेकर संगीत तक के ल‍िए आस‍िफ खुद सब तय करते थे। उन्‍होंने  इस फिल्म के लिए 72 गाने लिखवाए थे। जबक‍ि इस फ‍िल्‍म का फेमस गाना 'जब प्‍यार क‍िया तो डरना क्‍या' 105 घंटे में ल‍िखा गया था। इस गाने को शूट करने में 10 लाख रुपये खर्च हो गए थे। 

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