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Exclusive: पद्मावत और वॉर में दमदार किरदार निभा चुकी हैं अनुप्रिया गोयनका, कहा- दर्शक रियल टैलेंट का साथ दें

प्रदीप कुमार तिवारी | सीनियर रिपोर्टर
Updated Jun 28, 2020 | 23:19 IST

Actress Anupriya Goenka Exclusive interview: एक्ट्रेस अनुप्रिया गोयनका जल्द ही प्रकाश झा की वेब सीरीज 'आश्रम' में नजर आएंगी। Times Now Hindi से बातचीत में उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में जगह बनानी आसान नहीं है।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
अनुप्रिया गोयनका
मुख्य बातें
  • अनुप्रिया 'पद्मावत' और 'वॉर' में दमदार किरदार निभा चुकी हैं
  • दोनों फिल्मों में उनकी एक्टिंग की काफी सराहना हुई थी
  • अनुप्रिया ने इंटरव्यू में 'नेपोटिज्म' पर भी अपनी बात रखी

कानपुर जैसे छोटे शहर से निकलकर मुंबई की चकाचौंध में चमक बिखेर रहीं अनुप्रिया गोयनका अब फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बनकर उभरी हैं। 'टाइगर जिंदा है' में नर्स, 'पद्मावत' में रानी नागमति और 'वॉर' में एजेंट जैसे किरदार निभाकर अपनी अदाकारी का जलवा बिखेर चुकीं अनुप्रिया की ख्वाहिश है कि वे उमराव जान जैसा यादगार किरदार निभाएं। अनुप्रिया फिल्मी पर्दे का बड़ा नाम तो बन ही चुकी हैं लेकिन उन्होंने वेब सीरीज में भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर, संघर्ष, मुकाम और ख्वाहिश के बारे में लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...

आपका रुझान बिजनेस की ओर था, फिर एक्टिंग में दिलचस्पी कैसे जागी?

बिल्कुल, मैं बिजनेस करना चाहती थी। इसीलिए कॉमर्स से पढ़ाई के बाद मुंबई का रुख किया। यहां आकर कोर्पोरेट सेक्टर में काम किया। स्कूल में की थिएटर वर्कशॉप की थीं। मुंबई में उन्होंने नीरज कबी के साथ थिएटर वर्कशॉप की थी। उसके बाद एक्टिंग में दिलचस्पी जागी। फिर ऑडीशन देने शुरू कर दिए और सफलता मिल गई।

पहला ब्रेक एड में मिला, उसके बाद साउथ की फिल्में और फिर बॉलीवुड में एंट्री मारी?

जी हां, पहला ब्रेक मुझे प्रवीन सरकार ने एड फिल्म में दिया। अगले तीन-चार साल तक यही चलता रहा। पहला बड़ा ब्रेक साउथ इंडस्ट्री में मिला। मेरी पहली फिल्म तेलुगू में पाठशाला थी। इसके बाद पोटूगाड़ू रिलीज हुई। इस दौरान मैं हैदराबाद में ही रही। इसके बाद विद्या बालन अभिनीत फिल्म बॉबी जासूस में आफरीन का रोल मिला। बॉलीवुड में 'बॉबी जासूस' मेरी पहली फिल्म थी। फिर टाइगर जिंदा है, पद्मावत और वॉर में भी अहम किरदार था।

कानपुर की गलियों से निकलकर मुंबई आना और यहां की स्ट्रगल करना कितना मुश्किल रहा?

ज्यादा तो नहीं, लेकिन जिस काम में मुश्किल न हो उसमें मजा ही कहां है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक किया। इसके बाद मुंबई आ गई। एक्टिंग में करियर बनाना आसान नहीं है इसका अहसास तब हुआ जब काम नहीं मिला। प्रतिदिन पांच से दस ऑडीशन देती थी, फिर भी सेलेक्ट होते-होते रह जाती थी। कई माह तक ये सिलसिला चला, लेकिन हार नहीं मानी।

सेक्रेड गेम्स के पहले सीजन मेघा में आपके कैरेक्टर दूसरे सीजन में सामने लाया गय,. ऐसा क्यों?

उस वक्त एक क्रिएटिव कॉल लिया गया था कि सैफ अली खान के पर्सनल लाइफ को नहीं दिखाना है। तब भी हमने सीन शूट किए थे लेकिन अब दूसरे सीजन में सैफ के अंदर जो घुटन है उसका कारण मेघा है जो उनकी एक्स वाइफ है।

Criminal Justice की सफलता के बाद इसका सीक्वल आ रहा है। कितनी मिलती है Season 2 की कहानी?

क्रिमीनल जस्टिस की सफलता के बाद इसकी सीक्वेल भी बनाया जा रहा है। फिलहाल कोरोना के चलते शूटिंग रुकी हुई है लेकिन इसकी कहानी काफी दिलचस्प है और एक सोशल मैसेज वाली होगी।

निर्देशक प्रकाश झा 'आश्रम' से अपना डिजीटल डेब्यू करने जा रहे हैं, आप लीड रोल में हैं। आपके साथ बॉबी देओल भी हैं?

अच्छी बात ये है कि 'आश्रम' की शूटिंग कोरोना से पहले ही ख़त्म हो चुकी है। इसकी शुटिंग अयोध्या में की गई है। 'आश्रम' में मेरा किरदार एक डॉक्टर (हंसते हुए) का है और बॉबी देओल इसमें एक साधु का रोल प्ले कर रहे हैं।

Asur में नैना के काफी सराहा गया, कितना चैलेंजिंग था ये किरदार...क्या Asur का दूसरा सीजन आएगा?

Asur में नैना का किरदार काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। Asur की शूटिंग करीब 8 से 9 महीनों के बीच शूट हुई थी। चूंकि Asur सीरीज की थीम डार्क थी, इसलिए ये मेरे लिए और भी चैलेंजिंग रहा था क्योंकि Asur में मेरा जो किरदार है इतना खुशमिजाज नहीं था। फिलहाल Asur के दूसरी सीजन लाने की भी बात चल रही है।

फिल्म और ओटीटी में क्या अंतर देखा आपने?

फिल्में दो या ढाई घंटे की होती हैं जबकि वेब सीरीज में कई एपिसोड होते हैं। दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है। वेब सीरीज फिल्मों से बड़ी होती हैं और इतने दिन शूट करने के बाद आप सेट पर एक-दूसरे से घुल-मिल जाते हैं। भले ही आप फिल्म में काम करते हैं या वेब में, एक एक्टर के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं है।

आप फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं हैं, क्या लगता है आपको कि बॉलीवुड में 'नेपोटिज्म' है?

'नेपोटिज्म' पर बात करनी थोड़ी इसलिए भी मुश्किल हो जाती है क्योंकि ये सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि ये हर जगह है और शायद से आगे भी चलता रहे। मैं खुद फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं हैं और वो लोग जिनका फिल्म इंडस्ट्री से नाता नहीं है, उनके लिए बॉलीवुड में जगह बनानी मुश्किल हो जाती है। हम जैसे लोगों को बार-बार खुद को साबित करना पड़ता है। मेरे हिसाब से ये सिर्फ हैंडल करने का एक तरीका है। कोई फिल्मी बैकग्राउंड से हो या न हो, वो टैलेंटेड हो और अपने रोल का हकदार हो।हां, अगर कोई प्रोजैक्ट बनाता है तो ये उन पर है कि किसे कास्ट करना है। दर्शकों को भी चाहिए कि वो टैलेंट का साथ दें और एक अच्छे कंटेन्ट को प्रमोट करें।

बड़ी फिल्मों का हिस्सा बनने के बाद आपका अगला लक्ष्य क्या है?

मेरी रोल मॉडल हमेशा से अभिनेत्री रेखा, स्मिता पाटिल, और विद्या बालन रहीं हैं। इसीलिए मैं इनके जैसे किरदार निभाना चाहती हूं। अगर मौका मिला तो रेखा की बायोपिक निभाना चाहती हूं। मुझे पीरियड फिल्में काफी ललचाती हैं और मैं कॉमेडी फिल्में भी करना चाहती हूं।

कानपुर को कितना मिस करती हैं, कोई संदेश देना चाहती हैं आप?

कानपुर में मेरा बचपन गुजरा है। कानपुर में चाचा और दादी (जिन्हें बुआ कहते हैं) रहते हैं। बाकी परिवार अब मुंबई शिफ्ट हो चुका है। जब भी मौका मिलता है तो कानपुर जरूर आती हूं। युवाओं से बस यही कहना चाहूंगी कि अपनी जिम्मेदारी समझें, खासकर औरतों-लड़कियों का सम्मान करें। करियर के लिए चाहे जितना संघर्ष करना पड़े, कभी हार नहीं मानें।

अनुप्रिया की पृष्ठभूमि बिजनेस से रही है। उनका कहना है कि अभी भी उनका बिजनैस में इंटरेस्ट है और भविष्य में इसके बारे में सोच सकती हैं। वहीं, लॉकडाउन ख़त्म होने पर वह सिंगिंग क्लास भी लेने वाली हैं।
 

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