- आशा पारेख कटी पतंग में राजेश खन्ना के साथ नज़र आ चुकी हैं
- आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की
- साल 2017 में आई अपनी बायोग्राफी में उन्होंने कई खुलासे किए
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख ने फ़िल्मों की एक लम्बी विरासत छोड़ी है। कई कामयाब फ़िल्मों की हीरोइन रहीं आशा पारेख ने उम्र भर अकेले रहने का फ़ैसला किया था और इसके पीछे एक इमोशनल वजह है, जिसका खुलासा उन्होंने पहले अपनी बायोग्राफी और फिर एक मैगजीन को दिये इंटरव्यू में किया है।
अभी भी सिंगल हैं आशा पारेख
आशा पारेख ने शादी नहीं की। वह शादी न कर पाने की वजह बताते हुए कहती हैं कि देखिए कौन से मां-बाप हैं जो अपने बच्चे की शादी नहीं करना चाहते हैं? मां ने मेरी शादी भी करनी चाही थी। कई रिश्ते देखे गए, बातचीत की लेकिन कोई बात नहीं बनी। शायद शादी-विवाह किस्मत की बात होती है और मेरी किस्मत में शादी नहीं लिखी थी इसलिए नहीं हुई। किस्मत के आगे कुछ भी नहीं हो सकता।
जिस शख़्स से प्यार करती थी, वो शादीशुदा थे
आशा ने बताया कि वो जिस शख़्स से प्यार करती थीं, वो शादीशुदा थे। ऐसे में उनसे शादी करके वो घर तोड़ने वाली औरत नहीं कहलाना चाहती थीं। इसलिए उनके पास सिर्फ़ यही विकल्प बचा कि वो आजीवन सिंगल रहें। आशा पारेख न अपनी ज़िंदगी के इस अहम और इमोशनल किस्से का ज़िक्र अपनी बायोग्राफी हिट गर्ल में भी किया है, जो 2017 में रिलीज़ हुई थी। इसमें आशा ने बताया कि वो फ़िल्ममेकर नासिर हुसैन से प्यार करती थीं, मगर वो शादीशुदा थे, जिसकी वजह से आशा ने उनसे दूरी बना ली थी।
दिलीप कुमार की फैन हैं आशा
आशा पारेख ने बताया था कि उन्हें दिलीप कुमार बहुत अच्छे लगते थे। दिलीप कुमार के साथ काम न कर पाने का अफसोस जाहिर कहते हुए आशा कहती हैं, 'मेरा बड़ा मन था किसी एक फिल्म में उनके साथ काम करने का। वैसे हमारी एक फिल्म शुरू भी हुई थी लेकिन न जाने क्या हुआ कि वह फिल्म बीच में ही बंद हो गई और इसके बाद चाह कर भी मुझे दिलीप साहब के साथ दोबारा काम करने का कोई मौका नहीं मिला। मैं आज भी जाती रहती हूं दिलीप जी और सायरा जी से मिलने।'
इस बात का अफसोस रहेगा
आशा पारेख ने एक बात एक बच्चे को गोद लेने की भी कोशिश की थी लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। वह बताती हैं कि एक बार एक बच्चे को गोद लेने की कोशिश जरूर की थी लेकिन कुछ कारणवश मेरा यह सपना भी पूरा नहीं हुआ। वह कहती हैं - वैसे मुझे बच्चे को गोद न ले पाने का कोई मलाल नहीं है। जब आज के बच्चों को देखती कि वह अपने माता-पिता का ध्यान नहीं रखते हैं, तो सोचती हूं कि अच्छा ही हुआ कि मैंने दोबारा किसी बच्चे को गोद लेने की बात नहीं सोची।