- सुशांत ने दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई की थी
- वह अपने कॉलेज में 2003 से 2006 तक ही रहे
- वह सफल होने के बाद कॉलेज भी गए थे
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मौत से सभी को गहरा दुखा पहुंचा है। उनके अचानक दुनिया को अलविदा कहने से हर कोई हैरान है। सुशांत के कॉलेज के प्रिंसिपल रहे प्रोफेसर पीबी शर्मा भी एक्टर के आत्महत्या जैसे कदम उठाने से चकित हैं। उनका कहना है कि सुशांत न केवल एक सफल अभिनेता था बल्कि एक अच्छा इंसान भी थे। बता दें कि सुशांत ने दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज (वर्तमान में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) में पढ़ाई की थी। प्रोफेसर शर्मा दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज के उस वक्त प्रिंसिपल थे जब सुशांत यहां पढ़ते थे। सुशांत कॉलेज में 2003 से 2006 तक ही रहे। वह पढ़ाई बीच में छोड़कर एक्टिंग के जुनून को फॉलो करने लगे थे।
पीबी शर्मा फिलहाल एमिटी, ग्रुरुगाम के कुलपति हैं। उन्होंने ईटाइम्स से बातचीत में कहा कि उन्हें आज भी सुशांत के कॉलेज के दिन याद हैं। पीबी शर्मा ने कहा, 'मुझे मुझे याद है कि वह (सुशांत) अक्सर मंच पर हुआ करता था। यही वो जगह थी जहां वह घर जैसा महसूस करता था। वह हर समय बहुत खुश रहता था। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस तरह के एक प्रतिभाशाली, और खुशहाल युवा ने ऐसा जानलेवा कदम क्यों उठा लिया। यह दुखद है।' प्रोफेसर शर्मा ने कहा, 'मैंने हजारों बच्चों को पढ़ाया है लेकिन मुझे सुशांत अभी भी याद है। इससे पता चलता है कि उसने हर किसी पर कितना छाप छोड़ी है।'
उन्होंने आगे कहा कि मुझे याद है कि हम खुले सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते थे। सुशांत या तो अभिनय कर रहा होता था या फिर होस्टिंग की जिम्मेदारी संभाल रहा होता था। अभिनय के लिए उनका प्यार तभी से जाहिर था। वह साथ ही सिनसियर और पढ़ाई में तेज भी था। उसका अपने साथी छात्रों के प्रति व्यवाहर भी बहुत अच्छा था। प्रोफेसर शर्मा ने सफल होने के बाद कुछ साल पहले सुशांत के कॉलेज आने का भी जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि सुशांत जब कॉलेज आया था तो उसने सभी शिक्षकों से मुलाकात की। वह कैंटीन भी गया और वहां कर्मचारियों से भी मिला। उसको कई कर्मचारियों के नाम भी याद थे। कैंपस के बार एक फेमस मैगी बाबा है जो दशकों से है। सुशांत उनसे मिलने गया और उनसे गले भी मिला। वह सिर्फ एक सफल अभिनेता ही नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान भी थे। यही उसकी विरासत है। गौरतलब है कि सुशांत ने दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज की दाखिला प्रवेश परीक्षा में देशभर में सातवां स्थान हासिल किया था। इसके अलावा उन्होंने ने फिजिक्स में नेशनल ओलंपियाड भी जीता था।