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12 अगस्‍त को र‍िलीज होगी 'गुंजन सक्‍सेना: द कारगिल गर्ल', सेना की वर्दी में दिखेंगे जान्‍हवी कपूर के तेवर

Updated Jul 16, 2020 | 11:08 IST

Gunjan Saxena The Kargil Girl Release date: कारगिल गर्ल के नाम से मशहूर गुंजन सक्‍सेना की कहानी पर्दे पर आने वाली है। जान्‍हवी कपूर स्‍टारर यह फ‍िल्‍म 12 अगस्‍त को र‍िलीज होगी।

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Gunjan Saxena The Kargil Girl
मुख्य बातें
  • जान्हवी कपूर ने निभाया है 'द कारगिल गर्ल' में प्रमुख किरदार, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होगी रिलीज
  • युद्ध के मैदान में गोलाबारी के बीच हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनी थीं गुंजन सक्सेना
  • भारतीय वायुसेना में साहस के साथ देश सेवा करते हुए रचा था इतिहास

Gunjan Saxena The Kargil Girl Release date: कारगिल गर्ल के नाम से मशहूर गुंजन सक्‍सेना की कहानी पर्दे पर आने वाली है। लंबे समय से इस फ‍िल्‍म पर काम चल रहा था और अब फाइनली यह रिलीज को तैयार है। जान्‍हवी कपूर स्‍टारर फ‍िल्‍म गुंजन सक्‍सेना: द कारगिल गर्ल 12 अगस्‍त को र‍िलीज होगी। कोरोना महामारी के चलते यह फ‍िल्‍म सिनेमाघरों में नहीं बल्कि ओटीटी प्‍लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। खुद जान्‍हवी कपूर ने इस फ‍िल्‍म की रिलीज डेट की जानकारी फैंस को दी है।

गुंजन सक्सेना: कारगिल गर्ल को संयुक्त रूप से धर्मा प्रोडक्शंस और ज़ी स्टूडियो द्वारा निर्मित है, जिसमें गुंजन के किरदार में जान्हवी कपूर हैं और उनके साथ गुंजन के पिता और भाई की सहायक भूमिकाओं में पंकज त्रिपाठी और अंगद बेदी भी हैं।

शरण शर्मा निर्देशित यह नई फिल्म भारतीय वायु सेना के पायलट गुंजन सक्सेना के जीवन पर एक बायोपिक है, जो श्रीविद्या राजन के साथ युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला फाइटर पायलट बनीं। गुंजन ने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों को बचाया था और युद्ध के दौरान साहस व धैर्य दिखाने के लिए उन्हें शौर्य वीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

गुंजन सक्‍सेना की कहानी 

1994 में गुंजन उन 25 युवा महिलाओं में से एक बन गईं, जो भारतीय वायु सेना ट्रेनी पायलट के पहले महिला बैच का हिस्सा थीं। हालांकि तब महिला पायलटों को हमलावर हेलीकॉप्टर या फाइटर जेट उड़ाने की इजाजत नहीं थी और महिला पायलटों को 2016 में ही फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है। लेकिन गुंजन सक्सेना ने साल 1999 में एक मिसाल कायम की।

IAF ने ऑपरेशन सफेद सागर के जरिए भारत को कारगिल युद्ध में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्‍हें हेलीकॉप्टर उड़ाकर घायल मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने और वॉर ज़ोन में सप्लाई का काम मिला था। पाकिस्तानी सैनिक लगातार रॉकेट लॉन्चर और गोलियों से हमला कर रहे थे लेकिन गुंजन घायल सैन‍िकों को द्रास और बटालिक की ऊंची पहाड़ियों से उठाकर वापस सुरक्षित स्थान पर लेकर आईं।

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