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सिनेमा घरों पर पड़ी बायकॉट ट्रेंड की मार, बॉक्स ऑफिस पर पिटी लाल सिंह चड्ढा और लाइगर जैसी फिल्में तो बंद हुए कई थिएटर

Updated Aug 31, 2022 | 21:26 IST

Many Cinema Halls Are Temporarily Closed: बायकॉट ट्रेंड की वजह से बॉलीवुड फिल्मों का हाल बुरा हो गया है। लाल सिंह चड्ढा, रक्षा बंधन और लाइगर जैसी कई फिल्मों को इसकी वजह से खामियाजा भुगतना पड़ा है। ऐसे में सिनेमा घर भी प्रभावित हुए हैं, जिसकी वजह से कई थिएटर्स आंशिक रूप से बंद हो गए।

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Many Cinema Halls Are Partially Closed

Many Cinema Halls Are Partially Closed: फ्लॉप और बायकॉट फिल्मों के जमाने वाले बॉलीवुड में सिनेमाघरों की स्थिति भी बिगड़ती नजर आ रही है। बीते दिनों रिलीज हुई लाल सिंह चड्ढा, रक्षा बंधन और लाइगर जैसी बिग बजट तथा बड़ी स्टार कास्ट वाली फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के बाद। सिनेमाघरों के पास शोज की संख्या कम करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था। वहीं अनुराग कश्यप की थ्रिलर फिल्म दोबारा और हॉलीवुड की फिल्म नोप भी दर्शकों को आकर्षित करने में नाकाम रही, जिसके परिणाम स्वरूप कई सिनेमाघर आंशिक रूप से अगली बड़ी फिल्म रिलीज होने तक बंद होते नजर आ रहे हैं। 

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ब्रह्मास्त्र दे सकती है डूबते को तिनके का सहारा

सिनेमाघर और एक्सीबिशन सेक्टर में काम करने वाले एक सूत्र के मुताबिक, “जब अधिकांश फिल्में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही होती हैं, तब इतनी सारी स्क्रीनों को चालू रखना काफी मुश्किल हो जाता है। अफसोस की बात है कि कई सिनेमाघर स्क्रीन बंद नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें कंपनियों की तरफ से एक सप्ताह के विज्ञापन का शुल्क मिला होता है। इसलिए ऐसी स्थिति में वे प्रति स्क्रीन शो की संख्या कम कर देते हैं। शुक्रवार 2 सितंबर से कुछ मल्टीप्लेक्स एक सप्ताह के लिए कुछ स्क्रीनें बंद कर देंगे।”

अक्षय राठी जो एक फिल्म प्रदर्शक और वितरक हैं हालिया स्थिति को समझाते हुए कहते हैं कि, “ऐसी स्थिति आने पर फायदे में रहने के लिए बस दो ही रास्ते होते, एक है कि आप अपनी आय बढ़ाएं और दूसरा है कि आप अपने खर्चे कम करें। हाल ही में रिलीज हुई फिल्में अच्छा नहीं कर रही हैं, तथा 9 सितंबर को ब्रह्मास्त्र के रिलीज के पहले कोई और बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। ऐसे में कई प्रदर्शक अपने खर्च कम करने के लिए अलग अलग रास्ते तलाश रहे हैं। जिनमें से सप्ताह भर के लिए परिचालन पूरी तरह से बंद कर देना एक उपाय हो सकता है, क्योंकि वेतन तो किसी भी प्रकार से देना ही है मगर परिचालन शुल्क कम किया जा सकता है। वहीं दूसरे उपाय के तौर पर शोज की संख्या कम की जा सकती है, क्योंकि इक्का दुक्का लोगों के लिए एक शो चलाने से थोड़ी सी लागत भी पूरी नहीं की जा सकती इसलिए बेहतर है कि कम शोज हो।”

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मुंबई के G7 मल्टीप्लेक्स जिनको आप गेटी-गैलेक्सी के नाम से जरूर जानते होंगे। उन्होंने तो आंशिक रूप से एक सिनेमाघर बंद कर दिया है। इनमें लगभग 1000 सीटों वाला गैटी और 800 सीटों वाला गैलेक्सी थिएटर है। एक हफ्ते से गैलेक्सी बंद है क्योंकि लाइगर के अलावा और कोई फिल्म नहीं है जो इतने बड़े ऑडिटोरियम को भर सके। G7 और मराठा मंदिर सिनेमा के कार्यकारी निदेशक मनोज देसाई कहते हैं कि, “क्या करें? कोई पिक्चर ही नहीं है। यहां तक की अगले हफ्ते भी कोई फिल्म नहीं है। मुझे देखना और सोचना समझना पड़ेगा कि क्या हमें 9 सितंबर तक दोनों गेटी और गैलेक्सी सिनेमाओं को बंद रखना है या नहीं।”

देश भर में सिनेमाघरों का बिगड़ा हाल

सूरत में फ्राइडे सिनेमा चलाने वाले किरीतभाई टी वघासिया कहते हैं कि, “अगले हफ्ते गुजराती सिनेमा की केवल एक बड़ी फिल्म रिलीज होने जा रही है, जिसका नाम के ‘हे केम छो लंडन’। वहीं 2 सितंबर को हिंदी में रिलीज होने वाली कोई फिल्म नहीं है। हम सोच रहे हैं कि सुबह के शोज बंद कर दे, हमारे शोज सुबह 11 बजे से लेकर रात 12 बजे तक चलते हैं। ऐसे में सुबह के शोज चालु रखने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि कोई आएगा ही नहीं, और अगर कोई इक्का दुक्का लोग बुकिंग करते हैं तो हमें रिफंड करना होगा। कई बार ऐसी भी स्थिति बन जाती है कि लोग गुस्सा हो जाता है और शो शुरू करने की मांग करते हैं। तो ऐसी स्थितियों से बचने के लिए अच्छा है कि हम सुबह 11 बजे से पहले कोई शो रखे ही नहीं।”

सभी सिनेमाघर चालको का यह मानना है कि अगर विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे स्टारर लाइगर अच्छी चल जाती तो स्थिति लगभग दो हफ्तों के लिए उनके हित में नजर आती। और सभी प्रदर्शक चैन की सांस लेते हालांकि ऐसा हुआ नहीं। वहीं सिनेपोलिस इंडिया के सीईओ देवांग संपत कहते हैं कि, “इस तरह के उतार चढ़ाव आना बहुत आम है, और ऐसा दुनिया भर में हो रहा है। एक सिनेमाघर को चलाने का अर्थ है एक निश्चित लागत लगाना, जिसमे मैनपावर और आपका किराया फिक्स है। अगर आप कुछ बचा सकते हैं तो वो है आपकी बिजली, लेकिन 10 टिकट से कम की बिक्री पर वो लागत भी पूरी नहीं हो पाती। इसलिए हम कोशिश करते हैं कि शो बंद करने के बजाय एक शो की कम से कम 10 टिकट बिके। हम लगातार कंटेंट का प्रदर्शन करने में विश्वास रखते हैं।”

ब्रह्रमास्त्र पर टिकी है सबकी उम्मीदें

2 सितंबर यानी आने वाले शुक्रवार को हिंदी की कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। कार्तिकेय 2, मराठी फिल्म दगड़ी चाल 2, गुजराती फिल्म फक्त महिलाओ माते और हॉलीवुड की टॉप गन: मेवरिक, सीता रामम जैसी फिल्में थिएटरों को चालू रख सकती हैं। इस बीच सबकी नजरें और उम्मीदे ब्रह्मास्त्र के रिलीज पर टिकी हुई हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि ब्रह्मास्त्र के रिलीज के बाद से स्थिति में सुधार होता नजर आएगा। फिल्म से अच्छा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन करने की बहुत उम्मीदें हैं, इसके बाद 30 सितंबर को विक्रम वेधा रिलीज होगी जो इस गिरते हुए ग्राफ को उठाने में सहारा बन सकती है।

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