- 1936 में पहली बार पर्दे पर स्विमसूट पहनकर मीनाक्षी शिरोडकर ने तहलका मचा दिया था।
- ये उस दौर की बात है जब मीनाक्षी ने सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था।
- पहली ही फिल्म से वह छा गईं और हर साल कई कई फिल्मों में नजर आने लगीं।
Meenakshi Shirodkar Throwback: हिंदी सिनेमा में बिकिनी या स्विम सूट पहनने का चलन उस जमाने से है जब ब्लैक एंड वाइट फिल्में आया करती थी। आज के दौर के लोग सोचते हैं कि 40 और 50 के दशक की फिल्मों में बॉलीवुड की अदाकाराएं हॉटनेस नहीं दिखाया करती थीं, लेकिन ऐसा नहीं है। उस दौर में पर्दे पर बोल्ड सीन्स की शुरुआत हो चुकी थी। 1936 में पहली बार पर्दे पर स्विमसूट पहनकर मीनाक्षी शिरोडकर ने तहलका मचा दिया था। ये उस दौर की बात है जब मीनाक्षी ने सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। पहली ही फिल्म से वह छा गईं और हर साल कई कई फिल्मों में नजर आने लगीं।
बहुत ही कम समय में मीनाक्षी शिरोडकर हिंदी और मराठी सिनेमा का बड़ा नाम हो गईं। ब्रह्मचारी, देवता, झूला, जवानी, संगम, अमानत, बड़ी मां राज तिलकख् मेरे हुजूर, मुजरिम और पाकीजा जैसी फिल्मों में उन्होंने शानदार अभिनय किया। वह फिल्मों के साथ साथ थिएटर में भी काफी सक्रिय थीं। 11 अक्टूबर 1916 को पैदा हुईं मीनाक्षी का 80 साल की उम्र में 4 जून 1997 को देहांत हो गया।
मीनाक्षी की नातिन नम्रता शिरोडकर और शिल्पा शिरोडकर बॉलीवुड अदाकाराएं हैं। दोनों ने फिल्म जगत में अपनी दादी की तरह ही नाम कमाया। शिल्पा शिरोडकर ने फिल्म किशन कन्हैया में सफेद साड़ी पहनकर वॉटरफॉल सीन दिया था। इस सीन में उनके भीगे बदन ने फैंस के दिल पर जादू कर दिया था। यह सीन फिल्म के गाने 'राधा बिना है' में था।
शिल्पा शिरोडकर ने हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अपनी दादी को याद किया। उन्होंने बताया कि दादा ने उनकी दादी को बहुत सपोर्ट किया था। शिल्पा ने कहा कि दादी के रुतबे का कभी उन्होंने काम पाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया। शिल्पा बताती हैं कि दो चीजें दादी ने उन्हें सिखाई। पहली- कभी हार मत माने और दूसरी- हर चीज पर्मानेंट नहीं होती।