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Ranveer Singh Video: रणवीर सिंह ने बधिर लोगों के लिए की इस भाषा की पहल, जानिए उस भाषा के बारे में

Updated May 24, 2020 | 17:12 IST

What is sign language: हाल ही में रणवीर सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के जरिए उन्होंने बताया कि किस भाषा को 23वीं ऑफिशियल बनाना चाहते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
रणवीर सिंह
मुख्य बातें
  • रणवीर सिंह इस भाषा को बनाना चाहते हैं 23वीं ऑफिशियल भाषा।
  • हाल ही में एक्टर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है।
  • जानें क्या है सांकेतिक भाषा।

बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह ने लॉकडाउन में एक नई पहल शुरू की है। हाल ही में एक्टर ने भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को देश की ऑफिशियल भाषा घोषित करने के लिए एक अभियान चलाया है। इसके लिए रणवीर सिंह ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ डेफ (एनएडी) के एक ऐसी याचिका पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य इस मुहिम के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस अभियान के लिए उन्होंने लोगों से अपना समर्थन दिखाने का आग्रह भी किया है।

हाल ही में रणवीर सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रैपर-कवि स्पिटफायर के वार्तालाप का एक सांकेतिक भाषा का वीडियो जारी करते हुए लोगों से साथ देने की अपील की है। बता दें कि भारत में मान्यता प्राप्त 22 ऑफिशियल भाषाएं हैं और अब रणवीर सिंह का अभियान  23 वीं ऑफिशियल भाषा बनाने की ओर है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- यह हमारी सांकेतिक भाषा का पहला वीडियो है 'वार्तालाप'। हम इसे इस उम्मीद के साथ जारी कर रहे हैं कि यह ट्रैक भारतीय सांकेतिक भाषा को भारत की 23वीं आधिकारिक भाषा बनाने में अधिक बातचीत को ट्रिगर करेगा। आप इसे सुनें और हमें उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगा

क्या है सांकेतिक भाषा
सांकेतिक भाषा का वह भाषा, जिसमें बधिर लोगों को इशारे, संकेत या फिर चेहरे के एक्सप्रेशन के जरिए अपनी बात समझाते हैं। भारतीय सांकेतिक भाषा का उपयोग आमतौर पर भारत में उन लोगों के लिए किया जाता है, जो सुन नहीं सकते हैं। भारत में 18 मिलियन बधिर लोग हैं, जिनके लिए सांकेतिक भाषा का उपयोग करते हैं।

आईएसएल डिक्शनरी
ISL पिछले 100 वर्षों में विकसित हुआ है। भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) ने भारतीय सांकेतिक भाषा डिक्शनरी का दूसरा संस्करण पिछले साल 27 फरवरी को लॉन्च किया था। इसमें एकेडमिक, कानून, मेडिकल, टेक्निकल और रोजमर्रा की शर्तों के तहत 6000 शब्द शामिल हैं। ISLRTC द्वारा विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत डिक्शनरी विकसित किया गया था। 3,000 शब्दों के साथ डिक्शनरी का पहला संस्करण मार्च 2018 में लॉन्च किया गया था।

भारत में 20 लाख बधिर बच्चे हैं, जिनमें से 12 लाख 500 से अधिक स्कूलों में नामांकित हैं। इसमें अधिकांश शिक्षक बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी प्राथमिक भाषा के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा का उपयोग नहीं करते हैं, लेकिन अपने हाथों के इशारे से बात करते हैं, जो बधिर छात्र अक्सर उन्हें नहीं समझ पाते हैं। जिसकी वजह से वह पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं। ऐसे में ISL भारत की 23 वीं ऑफिशियल भाषा है, जो बधिर छात्रों को स्कूल और घर पर माता-पिता और शिक्षकों से जानकारी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगी। यह राज्यों और  केंद्रशासित प्रदेशों को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए योग्य दुभाषियों की एक टीम होगी जो बधिर लोगों के लिए काम कर सकें।

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