Why Boycott trend in Bollywood: बॉलीवुड इन दिनों बायकॉट ट्रेंड की चपेट में हैं। इसके चलते बड़े- बड़े बजट वाली दिग्गज सितारों की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर घुटने टेकती नजर आ रही हैं। 11 अगस्त को बॉक्स ऑफिस पर हिंदी सिनेमा के दो दिग्गजों आमिर खान और अक्षय कुमार की फिल्में टकराई। आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा और अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन एक साथ रिलीज हुईं और दोनों का जबरदस्त विरोध हुआ।
सोशल मीडिया पर इन दोनों फिल्मों का बायकॉट किया गया और इनके खिलाफ हैशटैग चलाए गए। नतीजा ये हुआ कि दोनों फिल्में दर्शकों के लिए तरस गईं और मजबूरन इनके शोज रद्द कर दिए गए। आलम ये है कि अभी तक ये फिल्में अपना बजट तक नहीं निकाल पाई और इन दोनों सुपरस्टार्स के भविष्य पर संकट आ गया है। आखिरी ऐसा क्या हो गया कि एक समय हाउसफुल रहने वाली इन सितारों की फिल्में अब दर्शकों के लिए तरस रही हैं?
इससे पहले अक्षय कुमार की 'सम्राट पृथ्वीराज' और 'बच्चन पांडे' भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी थी। 300 करोड़ से बनी सम्राट पृथ्वीराज को 93 करोड़ कमाकर ही संतोष करना पड़ा। वहीं रणबीर कपूर की शमशेरा 150 करोड़ से बनी और केवल 64 करोड़ कमा सकी। बच्चन पांडे की लागत 180 करोड़ रुपये आई लेकिन इसकी कमाई केवल 73 करोड़ रही।
सोशल मीडिया ट्रेंड को देखते हुए इतना कहा जा सकता है कि फिलहाल बॉलीवुड के प्रति गुस्सा कम होता नजर नहीं आ रहा है। इन दोनों फिल्मों के बाद तापसी पन्नू की फिल्म दोबारा भी फैंस की नाराजगी का शिकार हो गई। फिल्म रिलीज से पहले एक वीडियो में तापसी और फिल्म के निर्देशक अनुराग कश्यप बायकॉट अभियानों का मजाक बना रहे थे। अनुराग कश्यप पहले भी गृह मंत्री अमित शाह को सोशल मीडिया पर अपशब्द कह चुके हैं। इन सबके चलते तापसी और अनुराग की फिल्म सिनेमाघरों में आई गई हो गई। दो ही दिन में दर्शक ना मिलने के कारण इस फिल्म के शोज रद्द हो गए।
यह भी सच है कि कई फिल्मों के खिलाफ तो हैशटैग भी नहीं चलाए गए फिर भी वह फ्लॉप हुईं। इन सबके कई कारण हैं। अक्षय कुमार और आमिर खान की फिल्मों के फ्लॉप होने का कारण उनकी बयानबाजी हैं। वहीं रणबीर कपूर, आलिया भट्ट की फिल्में फ्लॉप होने का कारण अलग हैं।
क्यों है फैंस में गुस्सा
दरअसल, दर्शक किसी एक वजह से बॉलीवुड से नाराज नहीं है। इसकी कई वजह सामने आती हैं। जानकार बताते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर खूब बहस हुई। एक वर्ग सुशांत के निधन के लिए बॉलीवुड में फैले भाई भतीजावाद को दोषी मानता रहा। लोग इस बात को कहते हैं कि बॉलीवुड में बाहर से आने वालों के लिए जगह नहीं है वाहे वो कितने भी टैलेंटेड हों। इसके बाद लोगों ने नेपोटिज्म प्रोडक्ट की फिल्में देखना बंद कर दिया। इसी तरह लोगों ने उन एक्टर्स की फिल्मों को भी टारगेट करना शुरू किया है जहो हिंदू समाज, रीति रिवाज और देवी देवताओं पर ज्ञान देते हैं। इसी तरह देश के मामलों में राष्ट्रवादी विचारों का साथ ना देने वाले सितारे निशाने पर हैं। सोशल मीडिया पर ट्रेंड देखकर आप समझेंगे कि दर्शक ऐसे सितारों को सबक सिखाना चाहता है। उदाहरण के लिए CAA-NRC के विरोध के बीच जब दीपिका पादुकोण जेएनयू पहुंची तो उसके बाद रिलीज होने वाली उनकी फिल्म छपाक को दर्शक तक नहीं मिल पाए।
आमिर का इसलिए है विरोध
आमिर खान ने एक इंटरव्यू में गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दंगों में मरने वालों के लिए उन्हें जिम्मेदार माना था। उसके बाद 2006 में आमिर खान ने नर्मदा बचाओ आंदोलन के दौरान गुजरात सरकार के खिलाफ बयानबाजी की। 2015 में पुरस्कार वापसी का अभियान चला तो आमिर खान ने असिष्णुता का राग अलापा था और उस समय उनकी पत्नी किरण राव ने कहा था कि उन्हें भारत में डर लगता है। आमिर के इन बयानबाजी से स्पष्ट है कि वह एक विशेष पक्ष का विरोध करते हैं। ऐसे में अगर आमिर राजनीति कर रहे हैं तो उन्हें हर विरोध के लिए भी तैयार होना होगा।
बॉलीवुड सितारे इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि बायकॉट ट्रेंड उनकी फिल्मों को नुकसान पहुंचा रहा है लेकिन अंदरखाने बॉलीवुड में इस पर बड़ी चर्चा हो रही है कि दर्शकों का गुस्सा उनकी फिल्मों पर निकल रहा है और फिल्में बुरी तरह पिट रही हैं। इसी बीच अर्जुन कपूर, आलिया भट्ट जैसे एक्टर्स की बौखलाहट भरी बयानबाज आग में घी डालने का काम कर रही है। फिल्म बिजनेस को समझने वाले इस बात को मान रहे हैं कि बायकॉट से और एक्टर्स की अलग अलग मामलों में बयानबाजी फिल्मों के बिजनेस को प्रभावित कर रही है। ट्रेड एनालिस्ट रोहित जायसवाल का मानना है कि एक्टर्स को उल्टी सीधी बयानबाजी से बचना चाहिए क्योंकि इससे काफी नुकसान होता है। फिल्मी सितारों को चाहिए कि वह अपने देश, समाज का सम्मान करें और जिन दर्शकों की बदौलत उनकी रोजी रोटी चलती है उनकी भावनाओं की कद्र करें। अगर जल्द ये बात समझ में नहीं आएगी तो आगे भारी विरोध का सामना करने के लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए। दर्शक शाहरुख खान की फिल्म पठान, रणबीर कपूर-आलिया भट्ट की ब्रहास्त्र के बायकॉट का ऐलान कर ही चुके हैं।