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Lata Mangeshkar ने संगीत जगत में पूरे किए 80 साल, 16 दिसंबर 1941 को पहली बार स्‍टूडियो में गाया था गाना

Updated Dec 16, 2021 | 13:06 IST

लता मंगेशकर संगीत जगत में 80 साल पूरे कर चुकी हैं। जब वह 13 साल की थीं, तब पहली बार उन्‍होंने गाना रिकॉर्ड किया था। ये दिन था 16 दिसंबर 1941...

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Lata Mangeshkar
मुख्य बातें
  • 16 दिसंबर 1941 को पहली बार लता मंगेशकर ने किया था गाना रिकॉर्ड
  • 13 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने किया था गाना शुरू
  • संगीत जगत में 80 वर्ष पूर्ण होने पर लता मंगेशकर ने किया ट्वीट

Lata Mangeshkar completes 80 years of singing career: 93 साल की हो चुकीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर हम सबकी प्रिय हैं। भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने साल 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी और कहा जाता है कि उन्हें पहचान फिल्म महल के गाने 'आएगा आने वाला' से मिली थी। अब तक लता मंगेशकर ने दुनियाभर की 36 भाषाओं में हजारों गाना गाए हैं। लता मंगेशकर संगीत जगत में 80 साल पूरे कर चुकी हैं। जब वह 13 साल की थीं, तब पहली बार उन्‍होंने गाना रिकॉर्ड किया था। ये दिन था 16 दिसंबर 1941

लता मंगेशकर ने आज खुद ट्वीट करते हुए इतना लंबा सफर तय करने पर फैंस की शुभकामनाओं का धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने लिखा- 16 दिसम्बर 1941 को ईश्वर का, पूज्य माई और बाबा का आशिर्वाद लेकर मैंने रेडि‍यो के लिए पहली बार स्टूडियो में 2 गीत गाए थे। आज इस बात को 80 साल पूरे हो रहे हैं। इन 80 सालों में मुझे जनता का असीम प्यार और आशिर्वाद मिला है। मुझे विश्वास है कि आपका प्यार,आशिर्वाद मुझे हमेशा यूँही मिलता रहेगा।  

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बता दें कि लता मंगेशकर जब 13 साल की थीं तो उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। इसके बाद उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। 13 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म 'पहिली मंगलागौर' से डेब्यू किया था। लता मंगेशकर की पहली कमाई 25 रुपए थी। उन्होंने 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया था। 18 साल की उम्र में मास्टर गुलाम हैदर ने फिल्म मजबूर के गीत 'अंग्रेजी छोरा चला गया'  में मुकेश के साथ गाने का मौका दिया। इसके बाद लता मंगेशकर की संगीत यात्रा निरंतर चलती रही।   

एक समय था जब हर फ‍िल्‍ममेकर लता मंगेशकर का गाना अपनी फ‍िल्‍म में चाहता था और हर अदाकारा चाहती थी कि लता जी उसकी आवाज बनें। लता मंगेशकर के नाम आज कई वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दर्ज हैं लेकिन, स्वर कोकिला अपने पिता के सामने गाने में डरती थीं। लता मंगेशकर ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था, 'पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती।' लता के पिता दीनानाथ मंगेशकर को लंबे समय तक मालूम ही नहीं था कि उनकी बेटी गा सकती हैं। लता दीदी जब किचन में मां का हाथ बंटाने आई महिलाओं को गाना सिखाती तो उनकी मां डांटकर भगा देती थीं। 

गायकी के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए लता जी को 1969 में पद्म भूषण अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है, वहीं 1990 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। लता जी को 1999 में पद्म विभूषण और 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। 

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