लाइव टीवी

'बेटे को कभी नहीं दिया जेब खर्च' अंतिम अरदास में पिता ने बताई कैसी थी सिद्धू मूसेवाला की लाइफ

Updated Jun 08, 2022 | 16:36 IST

Sidhu Moosewala Father in Antim Aradas: सिद्धू मूसेवाला के निधन के लगभग 11 दिन बाद अंतिम अरदास उनके पैतृक गांव में हुई। इस दौरान सिद्धू मूसेवाला के पिता ने अपने बेटे को याद किया। जानिए क्या कहा मूसेवाला के पिता ने...

Loading ...
Sidhu Moosewala father
मुख्य बातें
  • सिद्धू मूसेवाला का पैतृक गांव में अंतिम अरदास हुआ।
  • सिद्धू मूसेवाला के पिता ने इस दौरान अपने बेटे को याद किया।
  • पिता ने बताया कि उन्होंने किन संघर्षों से अपने बेटे की परवरिश की।

Sidhu Moosewala Antim Aradas: सिद्धू मूसेवाला के निधन के बाद आज उनकी अंतिम अरदास उनके पैतृक मानसा गांव में हुआ। अंतिम संस्कार के बाद अंतिम अरदास में भी लाखों की संख्या में दिवंगत सिंगर के फैंस शामिल हुए थे। अंतिम अरदास से सिद्धू मूसेवाला के पिता सरदार बलकौर सिंह की स्पीच का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में वह बता रहे हैं कि किन मुशकिलों से उन्होंने अपने बेटे की परवरिश की। वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें जब तक इंसाफ नहीं मिलता वह चुप नहीं बैठेंगे।

सिद्धू मूसेवाला के पिता सरदार बलकौर सिंह ने कहा, 'सिद्धू एक आम पंजाबी नौजवान की तरह ही था। वह नर्सरी में पढ़ता तो कभी बस तो कभी स्कूटर से मैं स्कूल छोड़ने जाता था। जब वह दूसरी क्लास में थे तो साइकल के जरिए स्कूल जाना शुरू कर दिया था। जब वह 12वीं क्लास में था तो 24 किलोमीटर साइकल चलाकर स्कूल जाता था। यहां तक अपने बच्चे को कभी पॉकेट मनी भी नहीं दे सका था। इस मुकाम में पहुंचने के लिए उसने काफी ज्यादा मेहनत की थी। वह गाना लिखकर कमाई करता और इसी के जरिए उसने आगे की पढ़ाई की थी। उसने कभी जेब में पर्स तक नहीं रखा था।'

Also Read: सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास आज, शामिल होने वालों से परिवार ने की ये अपील 

29 मई को नहीं लगाया टीका
सिद्धू मूसेवाला के पिता के मुताबिक पंजाबी सिंगर जब भी घर से बाहर निकलते थे तो मां टीका लगाती थीं। बकौल सरदार बलकौर सिंह, 'मां यदि टीका नहीं लगाती तो खुद बुलाता रहता था। 29 मई पहली बार वह मौका था जब मां कहीं गई हुई थी। वह बिना टीका लगाए घर से निकला था। वह आज तक किसी भी गलत काम में शामिल नहीं हुआ। उसकी कोई भी शिकायत नहीं आई थी। मेरा बच्चा संत था। ऐसे में उसके बारे में कोई भी गलत बात न लिखें। वह राजनीति में भी अपनी मर्जी से आया था। अगर मुझसे या मेरे बेटे से किसी भी तरह की गलती हुई है तो मुझे माफ करें।'

मूसेवाला के पिता आगे कहते हैं कि, 'हम अपने बेटे की आवाज के जरिए उसे जिंदा रखेंगे। अंतिम सांस तक सिद्धू को आप लोगों को से जोड़कर रखूंगा। मेरा बेटा कही नहीं गया, वह हमारे आस-पास ही है। मेरे बेटे के नाम से पेड़ लगाएं, उसे पालें।'

Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।