मुंबई: अनुपमा टीवी शो को इतनी कामयाबी नहीं मिलती, अगर सुधांशु पांडे ने इसमें वनराज शाह का किरदार पूरी गहराई से नहीं निभाया होता तो। टीवी शो में सुधांशु पांडे ने जो वनराज का करैक्टर निभाया है, उसे उठाने में उनकी मूंछों की भी अहम भूमिका है। हालांकि शो के प्रीक्वल अनुपमा : नमस्ते अमेरिका में वनराज को दर्शकों ने बिना मूंछों के भी देखा। ऐसा इसलिए क्योंकि पर्दे पर किरदार की उम्र को 17 साल छोटा दिखना था।
सुधांशु पांडे ने बताया कि ये सच है कि वनराज के किरदार की मूंछें असली नहीं हैं और इनकी वजह से मैं सेट पर खुलकर स्माइल भी नहीं कर सकता हूं। उनके करैक्टर के लिए मूंछें इतनी अहम क्यों हैं, इस पर सुधांशु ने कहा कि जितना मैंने महसूस किया है, मूंछें किरदार को कड़क और प्रभावशाली रूप देती हैं। इसलिए वनराज के किरदार को मूंछें दी गईं और मैंने पाया कि मूंछों के साथ किरदार का शारीरिक गठन और सख्त दिखता है। मूंछों के बिना वनराज का व्यक्तित्व अधूरा है। इसे लगाने से वह अधिक शक्तिशाली व्यक्तित्व वाले गुस्सैल व्यक्ति की तरह दिखता है। इसलिए मेरा मानना है कि मूंछों से बहुत फर्क पड़ता है।
अनुपमा : नमस्ते अमेरिका के लिए वनराज को यंग लुक देने के लिए मूंछें हटानी पड़ीं। इस पर सुधांशु का कहना है कि मुझे लगता है कि मूंछें हटाने से आपकी उम्र कई साल कम दिखती है। थोड़ा सा हेयरस्टाइल में बदलाव करके भी यंग दिखा जा सकता है। लेकिन 17 साल के गैप को दिखाने के लिए मूंछों को हटाना जरूरी था। सुधांशु पांडे ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मूंछें हटाकर मुझे अच्छा लग रहा था और इनके बिना मैं खुलकर हंस सकता था और मुस्कुरा सकता था।
अभिनेता ने ये भी कहा कि उन्होंने सीरीज की शूटिंग के लिए बहुत अच्छा समय बिताया। उनका कहना है कि वह अपनी सह-अभिनेत्री सरिता जोशी से प्रभावित थे, जिन्होंने मोटी बा की भूमिका निभाई है। बकौल सुधांशु- अनुपमा : नमस्ते अमेरिका की शूटिंग का मेरा अनुभव शानदार था, क्योंकि कलाकारों में नए जोड़े थे और सरिता जोशी जी थीं जो काम को लेकर अब भी एनर्जेटिक हैं।