- विद्युत जामवाल और शिवालिका ओबेरॉय की फिल्म खुदा हाफिज चैप्टर 2 का इंतजार खत्म हो गया है।
- यह फिल्म साल 2020 में आई खुदा हाफिज का सीक्वल है।
- इस फिल्म में वह मासूमियत के कातिलों से जूझते और उनका खात्मा करते नजर आएंगे।
Khuda Haafiz 2 Movie Review: बॉलीवुड एक्टर विद्युत जामवाल और एक्ट्रेस शिवालिका ओबेरॉय की फिल्म खुदा हाफिज चैप्टर 2 अग्नि परीक्षा का इंतजार खत्म हो गया है। दिब्येंदु भट्टाचार्य, शीबा चड्ढा और राजेश तैलंग जैसे सितारों से सजी इस फिल्म का निर्देशन और लेखन फारुक कबीर ने किया है। यह फिल्म साल 2020 में आई खुदा हाफिज का सीक्वल है। पहली फिल्म में जहां महिलाओं की तस्करी और उनके यौन शोषण के मुद्दे को दिखाया गया था, वही इस फिल्म की कहानी में जबरदस्त ट्विस्ट छिपा है।
यह फिल्म एक्शन ड्रामा है और उनकी पहली की फिल्मों की तरह इसमें भी बेहतरीन एक्शन सीक्वेंस देखने को मिलेंगे। पिछली कहानी में एक पति अपनी पत्नी को अपने देश वापस लाता है लेकिन इस बार मुद्दा बच्चा गोद लेने का दिखाया जाएगा। इस फिल्म में वह मासूमियत के कातिलों से लड़ते और उनका खात्मा करते नजर आएंगे।
ऐसी है कहानी
कहानी समीर (विद्युत) और नरगिस (शिवालिका ओबेरॉय) की नई जिंदगी को लेकर आगे बढ़ती है। वह अपने साथ हुई घटनाओं को भुलाने के लिए एक बच्ची को गोद लेते हैं ताकि उनकी जिंदगी में खुशियां आएं। वह एक बच्ची नंदिनी को गोद लेते हैं। सब कुछ ठीक चल रहा होता है लेकिन अचानक नंदिनी किडनैप हो जाती है। यहां से कहानी में टर्न आता है। उसके साथ एक और बच्ची किडनैप होती है।
चार बच्चे इन दोनों बच्चियों को किडनैप करते हैं। एक बच्चा वहां की माफिया/नेता शीबा चड्ढा का बेटा है। चारों मिलकर नंदिनी का रेप करते हैं और उसे मार देते हैं और दूसरी बच्ची को मरने के लिए छोड़ देते हैं। समीर एफआईआर लिखवाने जाता है लेकिन जब इंस्पेक्टर एफआईआर लिखने से मचा कर देता है तो वह इंस्टपेक्टर की पिटाई करता है और इस मामले में उसे जेल हो जाती है। फिल्म की कहानी समाज में महिलाओं को लेकर अपराध, प्रशासन की निष्क्रियता और राजनीतिक शक्ति को उजागर कर व्यवस्था पर भी चोट करती है।
फिल्म 'खुदा हाफिज 2' को बनाने में तकरीबन 30 करोड़ का खर्च आया है, जबकि इसके प्रमोशन पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह फिल्म 2000 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है। फिल्म की जान है इसका एक्शन, इमोशन और रोमांस। फिल्म में विद्युत जामवाल ने ऐसे एक्शन सीन्स और स्टंट किए हैं कि फैंस दांतो तले उंगलियां चबा जाएं। वहीं विद्युत जामवाल और शिवालिका ओबेरॉय की बीच की केमिस्ट्री दिल जीत लेने वाली है।
फिल्म में विद्युत और शिवालिका का एक दूसरे के प्रति प्यार और रोमांस फैंस के चेहरे पर सहज मुस्कान ले आता है।शिवालिका ओबेरॉय ने अपनी अदाकारी और मासूमियत से कमाल कर दिया है। दिब्येंदु भट्टाचार्य, शीबा चड्ढा और राजेश तैलंग जैसे कलाकार जिस फिल्म में होते हैं, जान फूंक देते हैं। इस फिल्म का संगीत काफी दिलकश है। इसके गाने 'रूबरू', आजा वे, जुनून है, छइयां मैं सईयां की काफी पसंद किए जा रहे हैं।
विशाल मिश्रा और असीस कौर ने इन गानों को अपनी दिलकश आवाज से सजाया है जबकि मनोज मुंतशिर ने अपनी कलम से रूबरू जैसे दिलकश गाने को लिखा है। यह फिल्म देखी जानी चाहिए क्योंकि ये आपको बोर नहीं करेगी। एक फिल्म के भीतर कई भाव हैं और कोई न कोई सा भाव आपके दिल को जरूर छू जाएगा।