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Arvind Trivedi Facts: रामायण में केवट का रोल निभाने वाले थे अरविंद त्रिवेदी, तीन हजार लोगों को पीछे छोड़कर बने थे रावण

Updated Oct 06, 2021 | 07:42 IST

Ramayan Arvind Trivedi: रामायण सीरियल में रावण का रोल निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का निधन हो गया। अरविंद त्रिवेदी सीरियल में पहले केवट का रोल निभाने वाले थे। जानिए दिवंगत एक्टर के बारे में दिलचस्प बातें।

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Arvind Trivedi
मुख्य बातें
  • रामायण के रावण अरविंद त्रिवेदी का निधन हो गया है।
  • अरविंद ने रामायण में केवट के रोल का ऑडिशन देने पहुंचे थे।
  • रावण के रोल के लिए अरविंद नहीं अमरीश पुरी पहली पसंद थे।

मुंबई. रामायण के रावण अरविंद त्रिवेदी का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। अरविंद पिछले कुछ वक्त से बीमार चल रहे थे। साल 1985 में रामायण सीरियल में रावण के किरदार को उन्हें अमर कर दिया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस रोल को अमरीश पुरी निभाने वाले थे। 

रामायण के राम यानी अरुण गोविल ने एक वीडियो में बताया कि अरविंद त्रिवेदी रामायण में रावण नहीं केवट के रोल का ऑडिशन देने पहुंचे थे। हालांकि, उनकी बॉडी लैंग्वेज से खुश होकर रामानंद सागर ने उन्हें रावण का रोल दे दिया था। अरविंद त्रिवेदी ने एक इंटरव्यू में कहा, 'रामानंद सागर ने मुझे स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए कहा। मैं जब स्क्रिप्ट को वापस देकर जाने लगा तो रामानंद सागर ने मुझे रोका और कहा मुझे मेरा लंकेश मिल गया है।'

अमरीश पुरी थे रावण के लिए पहली पसंद   
राम यानी अरुण गोविल ने कहा था कि रामायण की कास्ट चाहती थीं कि रावण का रोल अमरीश पुरी निभाए। हालांकि, अमरीश पुरी ने इस रोल को करने से मना कर दिया। दरअसल उस वक्त अमरीश पुरी अपने करियर की ऊंचाई में थे। वहीं, टीवी उस वक्त नया था। रामानंद सागर को ऐसे शख्स की तलाश थी जिसमें बुद्धि और बल हो। इसके अलावा मुख में तेज होना चाहिए। रामानंद सागर ने तीन हजार लोगों का ऑडिशन लिया था।

आज होगा अंतिम संस्कार 
अरविंद त्रिवेदी का अंतिम संस्कार आज (बुधवार) दहनुकरवाड़ी शमशान घाट में किया जाएगा। अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने के बाद उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

अरविंद त्रिवेदी का जन्म 8 नवंबर 1938 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। रामायण के बाद साल 1991 में गुजरात के साबरगाठा जिले से सांसद थे। इसके अलावा साल 2002 से लेकर 2003 तक वह सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे थे।

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