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लॉकडाउन के चलते गांव में फंसी Ratan Raajputh दो महीने बाद लौटीं घर, पर इस वजह से अब भी परिवार वालों से हैं दूर

Updated May 26, 2020 | 10:03 IST |

Ratan Raajputh back to home: रतन राजपूत लॉकडाउन के चलते करीब 2 महीनों तक एक गांव में फंस गई थीं, लेकिन अब वे घर लौट आई हैं। पर घर पहुंचने के बाद भी वे अपने परिवार वालों से नहीं मिली हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Ratan Raajputh back to home after 2 months
मुख्य बातें
  • रतन राजपूत पहुंची अपने घर
  • घर पहुंचकर कर रही हैं पूरा आराम
  • परिवार के सदस्यों से नहीं मिल पा रही हैं रतन

कोरोना वायरस का कहर अभी भी कम नहीं हुआ है। अब तक देश में इसके लाखों मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमण से फैलने वाली इस बीमारी को रोकने के लिए 31 मई तक का लॉकडाउन है। ये लॉकडाउन 24 मार्च को आधी रात से देशभर में लागू कर दिया गया था। इसके चलते टीवी सीरियल अगले जनम मोहे ब‍िट‍िया ही कीजो और बिग बॉस जैसे रिएलिटी शो में नजर आ चुकी रतन राजपूत बिहार के एक गांव में फंस गई थीं। लेकिन अब उनके फैंस के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि रतन पटना में अपने घर लौट आई हैं।

घरवालों से नहीं मिलीं रतन राजपूत
लॉकडाउन के दौरान रतन अपने इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव थीं और गांव में अपनी लाइफस्टाइल के बारे में बता रही थीं। अब जब वे करीब 2 महीने बाद शहर में अपने घर लौटी हैं तो उन्होंने इसका एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें रतन ने बताया कि वे घर भले ही वापस आ गई हैं, लेकिन अब तक अपने घरवालों से नहीं मिली हैं। जिसकी वजह भी बेहद महत्वपूर्ण है।

खुद को 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वारंटीन
वीडियो में रतन ने बताया कि वे 4 घंटे का ट्रेवल करके गांव से घर लौटी हैं। यात्रा के चलते वे खुद को 14 दिनों के लिए सेल्फ क्वारंटीन कर रही हैं, यहीं वजह है कि वे अपने घरवालों से नहीं मिल रही हैं। ये वे उनकी सुरक्षा के लिए और सरकार की गाइडलाइन के चलते कर रही हैं। रतन नीचे वाले फ्लोर पर रह रही हैं, वहीं ऊपर वाले फ्लैट में उनका परिवार है।

गांव और शहर के क्वारंटीन में बताया अंतर
रतन ने बताया कि वे सेल्फ क्वारंटीन के लिए अपनी मां का बहुत मुश्किल से समझा पाईं थीं। वे फिलहाल ऊपर-नीचे रहते हुए उनसे वीडियो कॉल के जरिए बात करती हैं। उनकी मां सिर्फ इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि वे गांव से निकलकर अपने घर आ गई हैं। साथ ही रतन ने कहा कि गांव और शहर के क्वारंटीन में बहुत फर्क है। गांव में वे खुश थीं, घर पर उन्हें अकेलापन लगता है। उन्हें बंदी वाली फीलिंग आ रही है।

आपको बता दें कि रतन ब‍िहार के एक गांव में अपने तीन दोस्‍तों के साथ एक प्रोजेक्‍ट के लिए गई थीं। इसी दौरान लॉकडाउन की घोषणा हो गई और वो फंस गईं। वहां रतन खुद जंगल में सुबह उठकर लकड़ियां लेने जाती थीं और फिर आकर चूल्हे जलाकर खाना पकाती थीं। वहीं इतना काम करने के बाद अब रतन घर पर सिर्फ आराम करना चाहती हैं।

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