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Faridabad News: फरीदाबाद के लिए अच्छी खबर, बीके अस्पताल में बनेगा आईसीयू वार्ड, जानें पूरी योजना

Faridabad Civil Hospital
Updated Sep 21, 2022 | 22:52 IST

Faridabad News: फरीदाबाद के सबसे बड़े सरकारी बीके अस्‍पताल में जल्‍द ही आईसीयू वार्ड शुरू होने की संभावना बन रही है। यहां पर पीपीपी मॉडल पर आईसीयू वार्ड बनाने का प्रस्‍ताव रखा गया था, जिसकी मंजूरी मिलने के साथ डीपीआर तैयार करने को कहा गया था।

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Faridabad Civil HospitalFaridabad Civil Hospital
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
बीके अस्‍पताल में शुरू होगी आईसीयू सुविधा
मुख्य बातें
  • पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जाएगा आईसीयू वार्ड
  • प्रस्‍ताव को मिली मंजूरी, अब तैयार हो रहा है डीपीआर
  • आईसीयू वार्ड शुरू होने से हजारों मरीजों को मिलेगा फायदा

Faridabad News: फरीदाबाद के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्‍द ही बीके अस्पताल आने वाले गंभीर मरीजों को यहां पर आईसीयू वार्ड की सुविधा मिल सकेगी। इस योजना पर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। योजना के अनुसार अस्‍पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर आईसीयू का निर्माण किया जाएगा। इसका प्रस्‍ताव सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता ने डीसी विक्रम सिंह को भेजा था, जहां से मंजूरी मिलने के बाद अब इस प्रोजेक्‍ट का डीपीआर तैयार करने को कहा गया है।

इस अस्‍पताल में आईसीयू की सुविधा शुरू होने के बाद आम आदमी को महंगे इलाज से मुक्ति मिल जाएगी। फरीदाबाद का सबसे बड़ा सरकारी अस्‍पताल बीके है। इलाज के लिए यहां पर प्रतिदिन हजारों मरीज आते हैं, लेकिन इसके बाद भी यहां पर अभी तक आईसीयू वार्ड की सुविधा नहीं हैं।

डीपीआर तैयार होने में लग सकता है 15 से 20 दिन का समय

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अनुसार यहां इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को इलाज के लिए दिल्‍ली के अस्‍पतालों में रेफर किया जाता है। प्रतिदिन रेफर होने वाले मरीजों की संख्‍या 10 से 15 होती है।  कई ऐसे मरीज भी होते हैं जो प्राइवेट अस्‍पतालों का रुख करते हैं, लेकिन हर कोई इन महंगे अस्‍पताल में इलाज नहीं करा सकता है। अधिकारियों के अनुसार अगर यहां पर आईसीयू शुरू हो जाएगा तो इन मरीजों को दिल्‍ली रेफर नहीं करना पड़ेगा। इस योजना के बारे में बताते हुए सीएमओ डॉ. गुप्ता ने कहा कि प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें करीब 15 से 20 दिन का समय लगेगा। इसके बाद प्रोजेक्‍ट फाइल को डीसी के पास भेजा जाएगा। शासन से आदेश मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।  इसे पीपीपी मॉडल पर शुरू करने की योजना है। यहां पर आने वाले मरीजों का सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर ही इलाज किया जाएगा। इसके शुरू होने के बाद हजारों मरीजों को इसका फायदा मिलेगा।